बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमी, 3 मार्च। भाजपा किसान मोर्चा जि़ला बलरामपुर संवाद प्रमुख अमित जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ का बजट सिफऱ् धान के किसानों को ध्यान में रख कर बनाया गया है, जो अन्य किसानों के साथ धोखा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ सिफऱ् धान के किसानों को मिलेगा क्या?
उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर आगे कहा कि सामरी विधानसभा के अंतर्गत खेती को देखा जाए तो यहां बड़े पैमाने में आलू की खेती की जाती है टाउ की खेती भी लगभग दस हज़ार हेक्टेयर में की जाती है। सब्ज़ी की खेती देखें तो यहाँ मिर्च की खेती भी लगभग दस हज़ार से पंद्रह हज़ार हेक्टेयर में फसल लगाई जाती है। हज़ारों किसान आलू, मिर्च, टाउ की खेती से जुड़े हैं। इन किसानों का इस बजट में कोई प्रावधान ही नहीं है। शायद छत्तीसगढ़ की सरकार सिफऱ् धान के किसानों को किसान मानती है।
मक्का के किसानों को इस बजट से ना सिफऱ् निराशा हाथ लगी, बल्कि उनकी उम्मीदें पूरी तरफ़ से चकनाचूर हो गई। इस बजट में मक्का किसानों के लिए न उन्नत खेती को इस बजट में जोड़ा गया, न सरकारी मंडी खोली गई । इस बजट में औषधीय खेती के लिए कोई प्रावधान नहीं है, न मसाला के खेती का जि़क्र है ।
आज औषधीय खेती की ज़रूरत सम्पूर्ण देश को है, जिसको प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता थी लेकिन हाथ लगी सिफऱ् निराशा। फल सब्ज़ी उत्पादक किसानों को सरकार से न प्रोत्साहन मिला, न बजट में प्रावधान रखा गया। अब फल सब्ज़ी उत्पादकों को बाज़ार के जोखिम का बहुत ज़्यादा सामना करना पड़ेगा, जो किसानों के लिए अनुचित है। सामरी विधानसभा में खेती को ध्यान में रखा जाए तो यहां धान, मक्का, आलू, मिर्च, टमाटर, टाउ की खेती से जुड़े हज़ारों किसान को मिट्टी परीक्षण केंद्र की आवश्यकता थी, जिसको सरकार ने नकार दिया। आखिऱ किस पैमाने पर छत्तीसगढ़ के मुखिया इस बजट को किसान हितैषी बता रहे हैं, ये हम सब के समझ से परे हैं।