गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में श्रद्धा आस्था और संस्कृति के साथ-साथ लोगों को शासन की जनकल्याण कारी योजनाओं का भी बखुबी प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंच के पास विभिन्न विभागों द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल लगाए गए है। जो दूर-दराज क्षेत्र से आए और स्थानीय लोगों को खुब लुभा रही है।
मेला स्थल पर 14 शासकीय विभागों के स्टॉल लगाये गए है, जिसके माध्यम से मेला में आये लोगों को प्रदर्शनी स्थल में जनसंपर्क संचालनालय द्वारा राज्य शासन द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में छायाचित्र प्रदर्शनी लगाया गया है। अभी हाल ही में प्रकाशित जनमन की पुस्तिका वितरण किया जा रहा है। लोगो द्वारा जनमन में प्रकाशित विषय वस्तु बेहद उपयोगी बता रहे हैं। सम्बल पुस्तिका के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है।
स्टॉल में शासन की प्रमुख योजनाओं को चित्र के माध्यम से आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिसे लोगों का ध्यानाकर्षण कर रही है। ग्राम खम्हरिया से पहुंचे युवा केशवराम ने इसे उपयोगी बताया है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे उमा साहू ने कहा कि प्रदर्शनी में शाशन की योजनाओं को बेहद प्रभावी तरीके से दर्शाया गया है।
प्रमुख स्टॉल में जिला पंचायत एवं बिहान द्वारा जिलें में स्वयं सहायता समुह के महिलाओं द्वारा किये गये प्रयासों की झलक दिखाया गया है। यहा उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। वहीं कृषि, उद्यानिकी विभाग द्वारा शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजनाओं को बेहरीन ढ़ंग से प्रस्तुत किया गया है। यहा किसानों द्वारा उत्पादित मुली, गोभी, टमाटर आदि फसल आकर्षण के केन्द्र बने हुए है। बिहान के उत्पाद भी लोगों को लुभा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल शुद्धिकरण यंत्र, नल जल योजना, निर्मल भारत अभियान एवं रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से संबंधी प्रदर्शनी लगाया गया है।
हस्तशिल्प एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बांस से निर्मित वस्तुओं के प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु स्टॉल लगा है, जहॉ लेटर होल्डर, पेन स्टैण्ड, लैम्प, सोफा सेट, आराम कुर्सी प्रदर्शित है।
उन्हें अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है। वनमण्डल गरियाबंद द्वारा भी बांस शिल्प एवं वनोत्पादों व जड़ी-बुटी से संबंधित उत्पादों की बिक्री की जा रही है। इसमें शहद, आवला चुर्ण, मुरब्बा, सफेद मुसली, कौंचपाक, सतावरी, अश्वगंधा प्रमुख है। इसके अलावा अन्य विभाग भी अपनी योजनाओं को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर रहे हैं।