गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 5 मार्च। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राजिम में माघी पुन्नी मेला में लगाई गई विभागीय प्रदर्शनी में अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बाल संरक्षण के विषयों पर, बाल - विवाह रोकथाम, बाल श्रम प्रतिषेध, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास की प्रदर्शनी के माध्यम से बाल संरक्षण हेतु जन जागरूकता सह प्रचार-प्रसार कार्य किया जा रहा है।
विभागीय स्टॉल की प्रदर्शनी देखने आने वाले लोगों को बाल संरक्षण के समस्त विषय कन्या भ्रुण हत्या, बाल विवाह, बाल मजदूरी बाल यौन शोषण मानव व्यापार, (ट्रैफिकिंग) शरीरिक सजा बच्चों की बलि देना नि:शक्त बच्चें एचआईवी/एड्स, दत्तक ग्रहण, फास्टर केयर, चाईल्ड लाईन 1098, पॉक्सो एक्ट के बारे मे जानकारी दी जा रही है। लोगों को अवगत कराया जा रहा है कि बाल विवाह एक कानून अपराध है 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अनुसार निर्धारित आयु से कम आयु में बालक/बालिका का विवाह करने/कराने व सहयोगी व्यक्ति को 02 साल का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये तक का जुर्माना या दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। संविधान की धारा 24 में 14 वर्ष से कम उम्र के आयु बालकों को फैक्टरी, कल करखानो तथा होटलो, ढाबों में कार्य करवाना कानूनन अपराध है तथा ऐसा कराये जाने पर नियामानुसार सजा का प्रवाधान रखा गया। 14 वर्ष से 18 वर्ष के आयु के बालक/बालिकाओं को खतरनाक कार्य करना वर्जित है। प्रदर्शनी स्थल में एकीकृत बाल विकास परियोजना के पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा रेडी टू ईट व उससे संबंधित पकवान जो आंगनबाड़ी केन्द्रों में शिुशुवती, गर्भवती महिलाओं के साथ - साथ केन्द्र के बच्चों को पूरक पोषण प्रदाय किया जाता है। इससे संबंधित प्रदर्शनी स्थल में पोषण आहार के विषय में जानकारी दी जा रही है।