बस्तर

विशाखापटनम स्टील प्लांट के निजीकरण विरोध नीतियों की तर्ज पर नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण विरोध का होगा शंखनाद - मुक्तिमोर्चा
05-Mar-2021 8:55 PM
विशाखापटनम स्टील प्लांट के निजीकरण विरोध नीतियों की तर्ज पर नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण विरोध का होगा शंखनाद - मुक्तिमोर्चा

जगदलपुर, 5 मार्च। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद व संभागीय सह संयोजक समीर खान ने सयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से देश के अंदर सरकारी उपकर्म को निजी हाथों में देने का षड्यंत्र रच बड़े उद्योगपतियों के लिए निजीकरण की राह प्रशस्त कर जनता के हितों के खिलाफ शोषणकारी नीति प्रारम्भ की है। उन नीतियों का देश के प्रत्येक वर्ग व्यक्ति को खुल कर विरोध करना चाहिए। इसी तर्ज पर बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा द्वारा इन नीतियों का खुल कर विरोध करने का फैसला किया है।

बस्तर के क्षेत्र अधिकारों व विकास, रोजगार -स्वरोजगार गैरान्टी की शर्तों व पांचवी अनुसूची के बस्तर हितैषी संवैधानिक प्रावधानों को ताक में रख राज्य सरकार की इशारों पर केंद्र सरकार द्वारा एनएमडीसी के एक मात्र नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण कर निजी हाथों में देने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। जो सरासर बस्तर के लोगों के विश्वास के साथ राज्य व केंद्र सरकारों का धोखा करने जैसा घटना है। जिसका बस्तर हितैषी हर नागरिक विरोध करता है।राज्य की सीमाओं को लांग पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम स्थित आईआरएनएल द्वारा संचालित 22 हजार एकड़ में स्थापित विशाखा स्टील प्लांट का भी केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण करने के फैसले के साथ ट्रेड यूनियन के आव्हान में पूरे आंध्रप्रदेश के राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन, सर्व समाज द्वारा संयुक्त रूप से केंद्रीय निजीकरण नीतियों के विरोध में संवैधानिक दायरे में एकजुट होकर संघर्ष प्रारम्भ कर दिया है। जो बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में किये जा रहे संघर्ष को नई जान फूंकने का काम करेगा।

आंध्रप्रदेश में हो रहे विरोध की नीतियों के तर्ज पर नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण रोकने हेतु बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा द्वारा बस्तर एकता अभियान चलाते हुए बस्तर के सर्व समाज, सर्व समाजिक संगठन, व्यापारिक, टांसपोर्ट संगठनों व बस्तर राजमहल, मजदूर संगठन, ठेकेदारों, वार्ड, पंचायत प्रतिनिधियों को बस्तर हितों व अधिकार रोजगार स्वरोजगार के अवसर बचाने हेतु समर्थन मांग एक मंच लाने का प्रयास किया जाएगा। ताकि बस्तर के विकास के मिल के पत्थर नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को रोकने हेतु केंद्र व राज्य सरकार को मजबूर किया जा सके।

मुक्तिमोर्चा के संयोजक ने केंद्र व राज्य सरकार संचालित पार्टियो के बस्तर के जनप्रतिनिधियों के नगरनार प्लांट को बचाने की मंशा पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि, एक ही दल के प्रतिनिधित्व से बनी सर्वदलीय मंच के गठन पश्चात कई माह बीत जाने के बाद भी जमीनी लड़ाई अब तक प्रारम्भ नहीं किया जाना, बस्तर के लिए दुर्भाग्य है। राज्य के मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात व विधानसभा में अधूरे संकल्प पत्र के बाद भी राज्य के बजट में नगरनार स्टील प्लांट को राज्य सरकार द्वारा संचलान को लेकर कोई बजट नहीं रखा जाना, राज्य सरकार की मंशा पर भी प्रश्न खड़ा कर रहा है और इस पूरे घटना क्रम पर सर्वदलीय मंच की अब तक कि खामोशी बस्तर के निवासियों के मन में  संशय पैदा कर रहा है। इसलिए मुक्तिमोर्चा द्वारा बस्तर के सभी वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित कर नए सिरे से आंध्रप्रदेश की विरोध नीतियों के तर्ज पर, नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में नई रणनीति बनाने का प्रयास किया जाएगा।

 

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