गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। नशा नाश की जड़ हैं इसके चक्कर में जो भी पड़ा हैं, वह बर्बाद ही हुआ हैं। मनुष्य जीवन वरदान है। श्वांस की हर घड़ी कीमती है। इनका सदुपयोग करें। आप जिस भी फिल्ड हो चाहे किसान, इंजीनियर, डॉक्टर, मास्टर, गायक कोई भी हो समय का महत्व को समझें। जो चला गया वह वापस नहीं आएगा इसलिए हर काम सोच समझकर करे। यदि किसी को कुछ दे नहीं सकते तो मीठे ही बोल ही दे। इससे आपका महत्व बढ़ जायेगा। उक्त बातें राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्यमंच पर प्रस्तुति देने पहॅुचे प्रसिद्ध लोकगायक नीलकमल वैष्णव ने व्यक्त किए। उन्होंने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि मोला झोल्टू राम बना दिए मेरा पहला गीत रहा है, जिससे मुझे खूब प्रसिद्धि मिली उस समय रील वाले कैसेट का जाना हुआ और सीडी कैसेट बाजार में तेजी से फैले। जिनके माध्यम से हर गली कुचे में मेरी आवाज गुंजी और लोगो के दिलों में लम्बे समय तक इस गाना के माध्यम से छाया रहा। उन्होंने आगे बताया कि मेरी पढ़ाई दसवीं तक हुई हैं। दसवीं में चार बार फैल हुआ। मेरा ध्यान सदैव गीत व भजन की ओर रहा स्कूलों में भी हमेशा दोस्तों को गीत सुनाया करता था। रामायण मंच में लगातार भजन की प्रस्तुति दिया और आरके स्टुडियों में रिकॉडिंग भी किया। स्टुडियों वाले ने मुझे छत्तीसगढ़ी गाने के लिए प्रोत्साहित किया। फिर छत्तीसगढ़ी गाना लिखना शुरू कर दिया। नीलकमल के चन्दा रानी ओ...., मोला झोल्टू राम, सतरन्गी रे....., गवईया होते त.... इनके कैसेट हाथों हाथ बिकते गए और मेरी प्रसिद्धि न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि दीगर राज्यों में भी फैलने लगी। चुनाव प्रचार में अभिनेता राज गब्बर आए थे। उन्हें खुद गाकर मैने गीत सुनाया तो वह खुश हो गया। हालांकि उन्हें छत्तीसगढ़ी समझ नहंी आई। प्रस्तुतिकरण उन्हें भावविभोर कर दिया और छत्तीसगढ़ का सोनू निगम नाम दे दिया। बेलतरा बरभांटा में मेरा जन्म हुआ है। जम्मू कश्मीर से लेकर लगभग देश के सभी राज्य में मैने प्रस्तुति दी है। 500 से भी अधिक गीतें लिखी हैं। गीत की रचना करने की कला के साथ ही गायन से मेरी पहचान है। उन्होंने अपनी निजी जानकारी शेयर करते हुए कहा कि साल भर पहले नशा करने के कारण मेरी तबियत बिगड़ गई थीं। मेरा बचना मुश्किल था। डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये तब किसी ने अपोलो हॉस्पिटल का पता बताया। वहां इलाज चला और ईश्वर की कृपा से मै दर्शकों के बीच में हॅू। उन्होंने आगे कहा कि कर्म का फल निश्चित रूप से मिलता हैं अच्छा करने पर अच्छा फल तथा खराब कर्म में खराब फल ही मिलता हैं इसलिए अच्छा सोचे, मेहनत करे। सफलता कदम चुमेगी। श्री वैष्णव ने नये कलाकारों को संदेश देते हुए कहा कि खूब मेहनत करें फल की चिन्ता न करे। छत्तीसगढ़ी गीत पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करे। चूॅंकि छत्तीसगढ़ी का स्कोप उंचाईयां प्रदान करेगी।