महासमुन्द

महानदी पुल पर रेलवे का दूसरा ब्रिज बनकर तैयार
07-Mar-2021 4:04 PM
महानदी पुल पर रेलवे का दूसरा ब्रिज बनकर तैयार

बेलसोंडा से आरंग तक इलेक्ट्रिफिकेशन व दोहरीकरण का काम पूरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 7 मार्च।
महानदी पुल पर रेलवे का दूसरा ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। साथ ही इस ट्रैक पर विद्युतीकरण का काम भी पूरा हो चुका है। कहा जा रहा है कि अब बेलसोंडा से आरंग तक दोनों ट्रैक में भी ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा सकेगा। 

हालांकि अभी इसे रेलवे सुरक्षा आयोग की टीम ने हरी झंडी नहीं दिखाई है। आने वाले दिनों में रेलवे सुरक्षा आयोग के अधिकारी बेलसोंडा से आरंग तक विद्युतीकरण, दोहरीकरण व ब्रिज पर बने ट्रैक की टेस्टिंग करेंगे। टेस्टिंग पूरी होने के बाद यदि रेलवे सुरक्षा आयोग के अधिकारी क्लीयरेंस देते हैं तो दोनों ही ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर लिया जाएगा। इस सम्बंध में रेल विकास निगम लिमिटेड के विद्युतीकरण विभाग के अभियंता बीएस बेहरा ने बताया कि बेलसोंडा से आरंग तक इलेक्ट्रिफिकेशन व दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है।
जानकारी के अनुसार टिटलागढ़ से रायपुर तक 203 किलोमीटर दोहरीकरण ट्रेक की शुरुआत 2012 सितम्बर से हुई थी। कुल 758.09 करोड़ रुपए से दोहरीकरण और 258 करोड़ रुपए के विद्युतीकरण का काम उसमें हुआ है। 

महासमुन्द के रेलवे अधिकारी कहते हैं कि इस कार्य का जांच के लिए सीआरएस रेलवे सुरक्षा आयोग साउथ ईस्टर्न सर्किल कोलकाता की टीम द्वारा जल्द ही किया जाएगा। आरंग महानदी से मंदिर हसौद तक का भी काम कुछ -कुछ जगह बचा है। वह भी जून में पूरा हो जाएगा। सितंबर माह तक विभाग द्वारा रायपुर तक काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है। वाल्टेयर रूट पर रायपुर से टिटलागढ़ तक रेलवे लाइन दोहरीकरण का काम जारी है। साल 2012 में करीब 758.9 करोड़ की लागत से शुरू हुए इस निर्माण कार्य के तहत जिले के बेलसोंडा से टिटिलागढ़ तक दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका है। वहीं बेलसोंडा से रायपुर तक का काम शेष था। जिसमें से मार्च महीने में आरंग तक काम पूरा कर लिया गया है ।

दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूर्ण होने के बाद यात्रियों को ट्रेनों की लेट लतीफी से काफी राहत मिलेगी, क्योंकि सिंगल ट्रैक के कारण सुपर फास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों को पास करने के लिए पैसेंजर व लोकल को रोक दिया जाता था। विशाखापट्नम से बेलसोंडा तक दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है। ऐसे में विशाखापट्नम से आने वाली ट्रेनें अब समय पर महासमुन्द पहुंच रही है। बेलसोंडा से रायपुर तक दोहरीकरण का कार्य कुछ जगहों पर बचा हुआ है। दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का काम आरंग से मंदिर हसौद तक कुछ हिस्सों में बचा हुआ है। वहीं अतिक्रमण के कारण रायपुर से मंदिर हसौद तक का काम नहीं हो पा रहा है।

जानकारी के अनुसार आरंग से मंदिर हसौद तक काम पूरा होने के बाद ही रायपुर की ओर हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा। इसके बाद सितंबर के अंतिम महीने तक रायपुर तक दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा। 

इस वर्ष दोनों ट्रैक में इलेक्ट्रिक इंजन का परिचालन शुरू हो जाएगा। इलेक्ट्रिफिकेशन व दोहरीकरण के बाद इन रूटों में ट्रेन की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही विभिन्न स्टेशनों में लंबी दूरी तय करने वाले ट्रेनों के स्टॉपेज भी होंगे। फिलहाल चार से पांच एक्सप्रेस ही चलती है। वहीं दो से तीन लोकल ट्रेनें हैं। इस मार्ग में लोकल ट्रेनों के फेरे व संख्या भी बढ़ेगी। इस दोहरीकरण से यात्रियों के साथ दैनिक यात्रियों को भी राहत मिलेगी और समय पर वे अपने काम व घर पहुंच जाएंगे। 
 

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