महासमुन्द
बोले-जैसा सोचा वैसा ही पाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 7 मार्च। शुक्रवार को कलेक्टर डोमन सिंह एकाएक गुलाबी गांव के नाम से पहचान बनाने वाले ग्राम नानकसागर पहुंचे। ग्रामीण महिलाओं ने शुभ हुल्लिली ध्वनि (मुख से निकाली जाने वाली आवाज) कलेक्टर का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल भी साथ थे।
स्वच्छ पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट एवं सुन्दर गांव की श्रेणी में नानकसागर ग्राम को शामिल किया गया है। गांव के सुवर्धन प्रधान ने गुलाबी ग्राम के बारे में कलेक्टर को विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर गांव की सरपंच रेणुका गुणनिधि बंधु सहित गांववासी मौजूद थे। कलेक्टर डोमन सिंह ने गांव की सुव्यवस्थित व्यवस्था, साफ -सफाई, पानी निकासी की बेहतर योजना और सभी कच्चे-पक्के मकानों की एक ही रंग गुलाबी से पोताई और गांव के पक्की सडक़ के दोनों ओर अशोक के पेड़,घरों के सामने फुलवारी, गमले देखकर उन्होंने कहा कि जैसा सोचा वैसा पाया। वास्तव में जैसा गांव के बारे में सपने में सोचतें हैं, वैसा ही सच लगा।
उन्होंने गांववासियों से चर्चा करते हुए कहा कि हम सब बचपन से पढ़ते सुनते आ रहे हैं कि भारत की आत्मा गांव में निवास करती है। तब शायद गांव की तस्वीर ऐसे ही होगी। यहां आकर उन्हें बहुत सुकून मिला है। देश में आज भी अनेक गांव अच्छे.खासे स्वच्छ हैं। मौलिनौंग नामक एक छोटे से गांव को जो अरूणाचल प्रदेश के शिलांग से काफी दूरी पर पहाडिय़ों के मध्य बसा हुआ है, एशिया का सबसे स्वच्छ गांव बताया जाता है। लेकिन नानकसागर ग्राम भी बेहद खुबसूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी पांचवीं कलेक्टरी के बीच इतना सुंदर, इतना साफ.सुथरा गांव आज तक नहीं देखा। यहां के आदिवासी लोग भी मिलनसार और अच्छे हंै। एक दूसरे की बात भी अच्छे से मानते हैं। गांव के एक भी लोगों का कोई केस कोर्ट कचहरी, थाने में नहीं होने पर उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि गांव हर प्रकरण और समस्याओं को आपस मेें ही निराकरण कर लिया जाता है। यह औरों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
कलेक्टर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत् 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चे और चिन्हांकित एनीमिक पीडि़त बालिका और महिलाओं 15 से 49 वर्ष उम्र तक को आंगनबाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में तीन दिन गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन देने की शुरूआत माह फरवरी से की गई है। आपके आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी यह व्यवस्था है। इस गांव का कोई बच्चा कुपोषित और महिला एनीमिक न रहें। यह ध्यान भी रखें।
उन्होंने गौठान में एक शेड निर्माण के साथ एक-दो कमरे और बनाने के निर्देश दिए। गांव के दोनों आंगनबाड़ी केन्द्रों की साज-सज्जा करने को कहा। उन्होंने पेयजल की बात पर कहा कि जल जीवन मिशन के तहत् हर घर में कनेक्शन देने की योजना है। उसके तहत् इसका निराकरण किया जाएगा। उन्होंने गांव में एक मुक्तिधाम भी स्वीकृत किया।