महासमुन्द

महासमुन्द में छत्तीसगढ़ी व्यंजन गढक़लेवा बंद
08-Mar-2021 4:38 PM
महासमुन्द में छत्तीसगढ़ी व्यंजन गढक़लेवा बंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 8 मार्च।
रायपुर की तर्ज पर महासमुन्द जिलेवासियों को छत्तीसगढ़ी व्यंजन उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन की पहल पर शुरू  गढक़लेवा पिछले छह महीने से बंद है। 
15 अगस्त 2020 को जिला मुख्यालय के कलेक्टोरेट परिसर में इसकी शुरुआत की गई थी। साथ ही इसके संचालन का जिम्मा दिव्यांग महिला समूह को दिया गया था। इस गढ़ कलेवा से आमदनी तो दूर मजदूरी नहीं निकल पाने के कारण मजबूरन इसे महीने भर के भीतर बंद करना पड़ा। प्रशासन से दिव्यांग महिला समूह को सहायता नहीं मिल पाई। यही वजह है कि गढक़लेवा का संचालन बंद हो गया। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप जिले में जिले में 15 अगस्त को गढक़लेवा का शुभारंभ किया गया था। पिछले साल सरकार ने इसे बजट में शामिल भी किया था।  समाज कल्याण विभाग के उप संचालक धर्मेन्द्र साहू का कहना है कि प्रशासन स्तर पर व्यवस्था कर संचालन के लिए दिव्यांग समूह को दिया गया था लेकिन बाद में सही ढंग से प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण गढक़लेवा बंद हो गया।

गौरतलब है कि गढक़लेवा कलेक्टोरेट परिसर के पीछे खोला गया था। यही कारण है कि यहां तक आमजनों की पहुंच नहीं थी। वहीं प्रशासन स्तर पर गढक़लेवा का प्रसार.प्रसार भी नहीं किया गया। शहर के लोगों को गढक़लेवा के बारे में जानकारी ही नहीं थी। जिसके कारण कर्मचारियों को छोड़ बाहर के लोग छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेने पहुंच नहीं पाते थे। जिला कार्यालय में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी गढक़लेवा की बजाए आसपास कार्यालय परिसर स्थित होटलों में चाय नाश्ता करना अधिक पसंद करते थे। 

यही वजह है कि कार्यालय परिसर में होने वाली बैठकों और अन्य कार्यक्रमों में गढक़लेवा की जगह बाहर के होटल से नाश्ता मंगाकर अधिकारी-कर्मचारियों को परोसा जाता रहा। कुछेक अधिकारी-कर्मचारी नियमित रुप से चाय-नास्ता करने आते थे लेकिन इससे मजदूरी तक नहीं निकल पाती थी। इसलिए मजबूरन दिव्यांग स्व सहायता समूह की महिलाओं को बंद करना पड़ा। 
 

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