रायपुर
प्रदेश में 7 सौ से अधिक महिलाएं लगा रही टीके
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 मार्च। छत्तीसगढ़, कोरोना के खिलाफ जंग में रोज महिला दिवस मना रहा है। कोरोना से जंग में महिलाओं ने न केवल पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर मोर्चे पर काम किया है, बल्कि कई मोर्चों पर उनसे भी आगे रहकर काम किया है। चाहे वह महिला स्वास्थ्य कर्मी के रूप में चिकित्सक हो या एएनएम या मितानीन हो, सफाईकर्मी हो, कोरोना वैक्सीन के लिए तैनात वैक्सीनेटर हो। सभी ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। 7 सौ से अधिक महिला वैक्सीनेटर पूरे प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगा रही हैं। बच्चों के नियमित टीकाकरण अभियान में 5 हजार से अधिक एएनएम जुटी हुई हैं।
इसके अलावा राज्य में 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण में जहां हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंट लाइन वर्करों का टीकाकरण किया गया, वहीं द्वितीय चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों एवं 45 से 59 वर्ष के उन लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है, जो किसी अन्य बीमारियों से पीडि़त हैं। राज्य में हो रहे कोरोना टीकाकरण (प्रथम एवं द्वितीय दोनों डोज) के आंकड़ों पर नजर डालें, तो छत्तीसगढ़ में कोरोना के खिलाफ जंग में महिलाओं की सहभागिता पुरुषों से कहीं ज्यादा है।
प्रदेश में जहां 2 लाख 54 हजार 565 पुरुषों का टीकाकरण हुआ है, वहीं 2 लाख 59 हजार 489 महिलाओं का भी टीकाकरण किया जा चुका है। भारत सरकार के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 85 लाख 45 हजार 683 पुरुष व 69 लाख 93 हजार 594 महिलाओं का टीकाकरण किया गया है।
भारत सरकार द्वारा किए गए 1.55 करोड़ कोरोना टीकाकरण आंकड़ों पर नजर डालें, तो 54 प्रतिशत पुरुषों का एवं मात्र 45 प्रतिशत महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ में हुए 5.14 लाख कोरोना टीकाकरण में 50.47 प्रतिशत महिलाओं का कोरोना टीकाकरण किया जा चुका है।