रायगढ़

विदेशों से आयात रेशम का ताना अब जिले में ही होगा तैयार
08-Mar-2021 6:02 PM
 विदेशों से आयात रेशम का ताना अब जिले में ही होगा तैयार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 8 मार्च।
रेशमी कपड़े बनाने में दो तरह के धागे ताना अर्थात लम्बे धागे व बाना मतलब कपड़े की चौड़ाई में उपयोग होने वाले धागों का प्रयोग होता है। ताना की मजबूती ज्यादा होती है तथा रेशमी कपड़ों की बुनाई में यह आधार का काम करती है। जिले में रेशमी कपड़ों के निर्माण के लिये बाना तो स्थानीय स्तर पर बनाये जाते है। पर ताना के लिये अभी भी निर्भरता बाहर से आयात पर ही है। किन्तु अब कलेक्टर भीम सिंह की पहल ताना निर्माण की मशीन जिले में स्थापित होने जा रही है। इससे रेशमी कपड़े बनाने के लिए जरूरी बाना के साथ ताना भी अब जिले में ही तैयार होगा।

कलेक्टर भीम सिंह ने इसके लिये रेशम विभाग के अधिकारी को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित आजीविका से जुड़े विभागों की बैठक में दी। उन्होंने अधिकारियों को रायगढ़ को रेशम एक्सपोर्ट हब के रूप में तैयार करने के अगले 3 साल का रोडमैप तैयार करने के लिये कहा। जिसमें जिले में रेशम के धागे का निर्माण, उसकी बुनाई कर कपड़े तैयार करने से लेकर उत्पादों की मार्केटिंग व एक्सपोर्ट से जुड़े सभी पहलू शामिल हो। उन्होंने इस कार्य में महिला स्व-सहायता समूह को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोडऩे के निर्देश देते हुये गौठानों में रीलिंग मशीन स्थापित करने के लिए कहा।

कलेक्टर ने बैठक में लघु वनोपज के खरीदी पर चर्चा की। जिले में महुआ, साल बीज, तेन्दुपत्ता की प्रमुख रूप से खरीदी की जाती है। उन्होंने शासन द्वारा घोषित लघु वनोपज के समर्थन मूल्य व संग्रहण की गाईड लाईन को ग्राम सभा के एजेण्डे में शामिल करने के लिये कहा। जिससे संग्राहकों को शासन द्वारा दिये जाने वाली कीमतों की जानकारी हो तथा यदि व्यापारी द्वारा इससे कम दाम दिये जाये तो उन्हें पता हो कि समर्थन मूल्य पर वे वनोपज वन विभाग को बेच सकते है। 

उन्होंने प्रत्येक पंचायत में लघु वनोपज के समर्थन मूल्य की सूची भी अनिवार्य रूप से चस्पा करवाने के लिये कहा। तमनार में वन विभाग द्वारा तैयार किये जा रहे हर्बल उत्पाद निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये। वन विभाग द्वारा संचालित आजीविका मूलक गतिविधियों की वनधन केन्द्रवार जानकारी तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

आईल पॉम की खेती में है एक्सपोर्ट की अच्छी संभावनाएं
बैठक में जिले में आईल पॉम की खेती के संबंध में भी चर्चा की गई। बरगढ़ ओडि़सा में आईल पॉम प्रोसेसिंग की फैक्ट्री स्थापित होने जा रही है। एक्सपोर्ट की संभावनाओं को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्र पुसौर, सरिया, बरमकेला क्षेत्र में किसानों से संपर्क कर उन्हें उनकी पड़त भूमि पर पॉम की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। इसके लिये उद्यान विभाग के द्वारा योजना भी चलायी जा रही है। जिसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 143 आईल पॉम के पौधे के पौध रोपण व चार साल तक पौधे के रख-रखाव करने के लिए राशि मिलेगी। किसानों की फसल खरीदने के लिए उद्यानिकी विभाग का एक कंपनी से एमओयू हुआ है। इसे किसानों के बीच प्रचारित करने के निर्देश दिए गए। तमनार मेें प्रारंभ किए जा रहे टेक्सटाईल्स यूनिट का कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के लिए कहा। जिससे उद्योगों के कर्मचारियों के लिये ड्रेसेस निर्माण कार्य शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि झारा शिल्पकार द्वारा निर्मित कलाकृतियां बेहद अनूठी व आकर्षक होती है। इसका उद्योगों के बीच अतिथियों व विभिन्न समारोह में स्मृति चिन्ह के रूप में प्रदान किए जाने को लेकर प्रचारित करने के लिये कहा।

कोसीर में होगा कडक़नाथ का पालन
पशुपालन विभाग द्वारा गौठानों में किए जा रहे मुर्गी पालन की समीक्षा की गई। उप संचालक पशुपालन विभाग द्वारा बताया गया कि कोसीर में डीएमएफ मद से रियरिंग सेंटर तैयार किया गया है। जहां मुर्गियों के अन्य ब्रीड के साथ कडक़नाथ का पालन किया जाएगा। साथ ही अन्य गौठानों में भी मुर्गी पालन का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर भीम सिंह इन मुर्गी पालन केन्द्रों को समीप के आंगनबाडिय़ों में अण्डे की आपूर्ति के लिए लिकेंज करने के लिए कहा। जिले में मछली पालन की अच्छी संभावनायें है। इसको देखते हुये ग्राम पंचायतों में तालाब के पट्टे महिला स्व-सहायता समूहों को आबंटित किए जा रहे हैं। बैठक में मिले लक्ष्य 492 हेक्टेयर के अनुरूप आबंटन की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश मत्स्य पालन विभाग को दिए गए। सामुदायिक बाडिय़ों के विकास की धीमी प्रगति पर भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इसे तेजी से पूरा करने के निर्देश उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को दिए। मुनगा प्रोसेसिंग प्लांट के लिए उद्यान विभाग के द्वारा किए जा रहे पौधरोपण के साथ वन विभाग द्वारा इंटरक्रापिंग के रूप में तथा किसानों के द्वारा भी पौधरोपण करवाने के निर्देश उद्यानिकी विभाग को दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, डीएफओ धरमजयगढ़ मणिवासगन एस, एसडीओ फारेस्ट एआर बंजारे, उप संचालक कृषि एलएम भगत सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। 
 

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