गरियाबंद

लोरी के चंदा के नाटकीय रूप ने मन मोह लिया
09-Mar-2021 6:53 PM
  लोरी के चंदा के नाटकीय रूप ने मन मोह लिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 9 मार्च। माघी पुन्नी मेला दसवें दिन रेखा देवार ने चंदैनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध प्रेमगाथा लोरी के चंदा की संगीत में नाट्य प्रस्तुति दी। इसी के साथ देवार कर्मा के गीत प्रस्तुत किए उस समय रेखा देवार ही नृत्य करने लगे। जिसे देखकर दर्शक अचम्भित रह गए। देवार जाति का होली एक विशेष त्योहार होता हैं।

होली खेले नंद लाल... ने दर्शकों को एक बार भी होली त्योहार की ओर ले गए। इसी कड़ी में लागे रहिथे दिवाना तोरो बर मोरो मया...इस गीत को सुनकर दर्शक भी नृत्य करने के लिए मजबूर हो गए। बंगला में खाके वीरो पान... यह एक ऐसा गीत हैं जिसको ंसुनने के लिए राजिम माघी पुन्नी मेला के सांस्कृतिक मंच ही मिलते हैं क्योंकि रेडियों का जमाना नही रहा।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में डोगरगांव में जन्में छत्तीसगढ़ गायक और अभिनेता सुनील तिवारी की प्रस्तुति रही। जिसमें इनके साथियों के द्वारा मॉं की वंदना करते हुए। हे शीतला दाई मोर गांव... इस गीत को गाकर सांस्कृतिक मंच को भक्तिमय कर दिया। रंग झांझर के साथ आए पिंकी साहू ने एक बार फिर मांॅ की महिमा का बखान करते हुए। जगमग जगमग हो तोर दियाना..इस गीत की प्रस्तुति जब मंच पर हुई तों इस गीत को सुनकर चारों तरफ ऐसे लग रहे थे कि चारो तरफ ये दिये जल रहे हो। इसके बाद सुनील तिवारी ने भी रख लेेतेव मोर लाज ओ... गीत की प्रस्तुति दी। इसी के साथ पी.सी. यादव के द्वारा लिखे गए गीत हमर छत्तीसगढ़ के तहत छत्तीसगढ़ के करों बखान में इस गीत के माध्यम से मड़ई मेला गौरी-गौरा, राउत नृत्य, युवा गीत, होली गीत की प्रस्तुति लेकर पूरे मंच में साल भर के छत्तीसगढ़ी त्योहारों का बखान कर प्र्रस्तुति दी गई।

जिसमें दर्शक मंच के समीप बैठे-बैठे सारे त्योंहारों का खूब आनंद लिया। दौना के पान ला खोंचे ओ... छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकप्रिय गीत ने मुख्यमंच पर छंटा बिखेरी। बढ़ निक लागे गोरी तोरे बोली...., सपना सपना तोरे सपना..... जैसे आधुनिक गीतों की झमाझमा प्रस्तुति ने मुख्यमंच की गरिमा को चार गुना बढ़ाया। दर्शकों ने तालियों की बरसात कर दी। तै हा चुड़ी बजा के मोही डारे मन..... युगल नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। सपना के घर मा जैसे..... गीतों ने दर्शकों को झुमने के लिए प्रेरित किया। मंगनी मा मांगे मया....., संगवारी रे तोला झुलना..... खूब सीटी और तालियॉ बटोरी। नाचे रे तोर संग गावें रे मोरों संग... गोरी आ जाबे नदियॉ...., का मंतर तै मारे ओ... नृत्य से मुख्यमंच के बाजू खचाखच भीड़ झूमने नाचने लगे। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सुनील तिवारी के द्वारा होली गीत जो उसके यूट्यूब में लगातार चल रही है ए मोहनी तोला रंग में रंगाहू रे तोला.... इस गीत ने दर्शकों की मांग को ध्यान मे रखते हुए मंच पर प्रस्तुति दी। कलाकारों का सम्मान ओएसडी गिरीश बिस्सा, एसपी भोजराम पटेल, एएसपी सुखनंदन राठौर, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, लीलाराम साहू, संतोष महंतो, राजेश जगत, विनोद कुर्रे, साधु निषाद, गिरीश राजानी, सूरज पटेल, दीपक सेन, ओमप्रकाश साहू, विकास तिवारी, निंरजन साहू ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया।

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