बीजापुर
कलेक्टर ने कार्य निरस्त कर दिए कार्रवाई के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 11 मार्च। मनरेगा के काम को ग्राम पंचायत मुसालूर द्वारा मशीनों से कराए जाने की शिकायतों के बाद सीईओ जिला पंचायत ने मनरेगा के काम में मशीनों के इस्तेमाल को लेकर न केवल कार्य को निरस्त कर दिया, बल्कि संबंधित एजेंसी पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बीजापुर की ग्राम पंचायत मुसालूर के ग्राम नुकनपाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना एवं डीएमएफ के मद से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 19 लाख 99 हज़ार की लागत से नवीन तालाब निर्माण कार्य स्वीकृत किये गए थे। कार्य के निरीक्षण में पाया गया कि मनरेगा के नियमों के विपरीत कार्य को मशीन से कराया गया है। जिसके बाद सीईओ जिला पंचायत ने संबंधित एजेंसी पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
इधर कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने प्रथम दृष्टा मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्य को तत्काल निरस्त कर दिया है। संबंधितों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिए है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पोषणलाल चंद्राकर ने संबंधितों पर एफआईआर कर कार्य पर व्यय राशि की वसूली करने जनपद सीईओ को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं।
क्या कहता है अधिनियम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अध्याय 3 के धारा 3.3 में योजना के क्रियान्वयन में ठेकेदारी प्रथा प्रतिबंधित है। साथ ही मानव श्रम के स्थान पर कार्य करने वाली मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है।
मनरेगा के उपबंधों का अनुपालन न किये जाने को महात्मा गांधी नरेगा के अनुसार अपराध माना जाएगा और ऐसी दशा में इस अधिनियम की धारा 25 के उपबंध लागू होंगे।