बालोद
शिव जायसवाल
बालोद, 23 मार्च (‘छत्तीसगढ़’)। जिले के वनांचल क्षेत्र ग्राम घोटिया में गरीब बच्चों सहित आसपास के गांव के सैकड़ों बच्चों को आशा थी स्कूल की लेकिन दशकों बीत जाने के बाद भी उनकी आशा पूरी नहीं हुई। ऐसे में मसीहा के रूप में सामने आई एक वृद्ध महिला जिन्होंने अपनी सारी संपत्ति स्कूल के नाम कर दी। आज उस गांव में वृद्ध महिला द्वारा दी गई जमीन पर स्कूल संचालित हो रहा है।
घोटिया निवासी दुलसिया बाई अपने वृद्ध पति के साथ रहती थी। वर्ष 2000 में उनके पति के देहांत हो जाने के बाद वह अकेली हो गई थी। ऐसे में उनके सहारा बना पूरा घोटिया गांव महिला को वर्ष 2002 में ख्याल आया कि उनके बच्चे नहीं है तो गांव सहित आसपास के सैकड़ों बच्चों के नाम उनके हिस्से की जमीन कर दी जाए और ग्रामीणों की मौजूदगी में उन्होंने लगभग 3 एकड़ से अधिक जमीन पंचायत में दान कर दी और उस जमीन पर बच्चों के शिक्षा के लिए स्कूल बनाने की बात एक कागज पर लिख दी। आखिरकार उस महिला का सपना साकार हुआ और वर्ष 2012 में उनके द्वारा दान की गई जमीन पर स्कूल भवन निर्माण का कार्य पूर्ण होने के बाद लोकार्पण भी हो गया जिसके तीन साल बाद दुलसिया बाई का निधन हो गया।
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का नाम उस महिला के नाम से करने के लिए सैकड़ों बार भाजपा व कांग्रेस सरकार के दफ्तर जाकर गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उनकी बात किसी ने नहीं सुनीं।