राजनांदगांव
बिना शासकीय मदद से हर घर सोख्ता गड्ढा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 25 मार्च। राजनांदगांव जिले के वनांचल सीमा क्षेत्र में बसा डुमरघुंचा गांव जलसंग्रहण की दिशा में रोल मॉडल बन गया है। 136 परिवारों के 300 आबादी वाले इस गांव के हर घर में वाटर रिचार्ज के लिए सोख्ता गड्ढा बनाया गया है। एक वर्ष से गांव में एक भी मच्छर नहीं है और न ही कोई मलेरिया का मरीज। बिना शासकीय मदद से हर ग्रामीण ने सोख्ता गड्ढा बनाया।
मिली जानकारी के अनुसार सीमा क्षेत्र में बसा गांव डुमरघुंचा में एक वर्ष पहले तक पेयजल व निस्तार के लिए हमेशा जलसंकट का सामना करना पड़ता था। इस समस्या के निराकरण के लिए गांव के प्रमुख निवासी रियाज खान की जल संग्रहण की सोच ने आज गांव की न केवल तस्वीर बदल दी है, बल्कि डुमरघुंचा संपूर्ण वनांचल में एक आदर्श गांव बनकर उभरा है। रियाज खान की प्रेरणा व परिश्रम से एकजुट होकर ग्रामीणों ने गांव के हर मकान में सोख्ता गड्ढा का निर्माण किया है। इससे बारिश के पानी के साथ-साथ घर के निस्तार का पूरा पानी जमीन में लौट रहा है। इससे गांव का जल स्तर बीते वर्षों के मुकाबले तेजी से बढ़ गया है। पहले यहां 250 से 300 फीट में पानी मिलता था,लेकिन अब 50 से 100 फीट के अंदर ही भरपूर जलस्रोत मिल रहा है।
मुड़पार ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम डुमरघुंचा के सरपंच विष्णुदेव मंडावी, मितानिन कलसियाबाई ने बताया कि बिना किसी शासकीय मदद के ग्रामीणों ने स्वयं के पैसे से हर घर में सोख्ता गड्ढा का निर्माण कर जल संग्रहण के क्षेत्र में एक अनूठी पहल की है। प्रदीप दास, भागसिंह मंडावी, सुशीला सलामे, महाषीर नेताम, भुनेश्वरी कोर्राम, शांति कचलामे, स्वरूपबाई, उपसरपंच भीष्मदेव मंडावी ने बताया कि जबसे वे रियाज भाई के मार्गदर्शन व अगुवाई में जल संग्रहण के लिए सोख्ता गड्ढा का निर्माण किया है, तब से गांव का जलस्तर काफी बढ़ गया है। पहले गांव में स्थापित हैडपंप में पानी तत्काल मिल जाता है और गांव के तालाब में गर्मी में भी पानी मिल जाता है। इसके अलावा गांव में निस्तार पानी की निकासी का झंझट खत्म हो जाने से मच्छरों से पूरी तरह मुक्ति मिल गई है।
इधर गांव में वाटर रिचार्ज के लिए प्रेरणासो्रत बने रियाज खान का कहना है कि हर काम के लिए सरकार की राह देखना उचित नहीं है। अपने जीवन को खुशहाल बनाने के लिए हमको ही आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है।
चिल्हाटी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ लैब टैक्निशियन ज्योति यादव एवं आएएचओ अल्फा फिल्कस चौहान ने बताया कि बीहड़ वन आच्छादित क्षेत्र होने के बाद भी डुमरघुंचा में पिछले डेढ़ वर्ष से मलेरिया के एक केस सामने नहीं आया है। यह निश्चित तौर इस गांव के ग्रामीणो व इस गांव के लिए बड़ी उपलब्धि है। चारों तरफ से वनों से घिरे होने के बाद भी गांव में एक मच्छर का नहीं होना अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
बीएमओ डॉ. आरआर धु्रव ने बताया कि डुमरघुंचा में एक वर्ष से मलेरिया का कोई केस सामने नहीं आया। जबकि अन्य वर्षों में यहां पर मलेरिया के काफी केस मिलते थे।
मोहला-मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी ने समाजसेवी रियाज खान व डुमरघुंचा के ग्रामीणों के प्रयास व अनूठी पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि स्वयं के खर्च से गांव को जलसंग्रहण के क्षेत्र में रोल माडल बनाना एक बड़ी उपलब्धि है। विधायक मंडावी ने कहा कि हम डुमरघुंचा को जल संग्रहण ही नहीं, अब हर क्षेत्र में एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेंगे। जनपद पंचायत के सीईओ बीएल देहारी ने भी डुमरघुंचा के ग्रामीणो के सामूहिक प्रयास को वनांचल के लिए एक प्रेरणादायी कदम बताया।