बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 25 मार्च। नगर के झरन मंदिर के समीप स्थित राजहरा डेम मेें पट चुके फाइंस को निकालने का कार्य बीएसपी प्रबंधन द्वारा शुरू कर दिया गया है।
प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार 45 लाख रूपए की लागत से 90 हजार घन मीटर फांइस निकालने का कार्य स्थानीय ठेकेदार को दिया गया है जिसके द्वारा डेम से फाइंस निकालने का काम कराया जा रहा है। डेम से निकलने वाले फाइंस को झरनदल्ली में डंप करने की बात की जा रही है।
गौरतलब हो कि झरन नदी के बहाव को बांधकर राजहरा माइंस को जल आपूर्ति करने के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा 1950-60 के दशक में राजहरा डेम का निर्माण कराया गया था। पिछले कई वर्षों से राजहरा माइंस प्रबंधन के घोर असंवेदनशील व लापरवाहपूर्ण खनन गतिविधियों के कारण माइंस से बहकर आने वाले फाइंस से यह डेम लगातार पटता चला गया लेकिन डेम के संरक्षण व फाइंस को निकालने के प्रति बीएसपी प्रबंधन की लगातार उदासीनता देखी गई। जिसके कारण यह विशाल डेम लगातार पटते हुए पिछले कुछ वर्षों से तालाब के आकार में सिकुड़ते हुए अपने अस्तित्व को खोता जा रहा था।
राजहरा डेम मेें साल दर साल फाइंस के पटाव होने और डेम का अस्तित्व खतरे में पड़ता हुआ देखकर चिंता व्यक्त करते हुए नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष रवि जायसवाल ने जून 2020 में कलेक्टर तथा भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को ज्ञापन देकर राजहरा डेम में पट चुके फाइंस को निकालने व डेम की समुचित सफाई कराने की मांग की थी और 5 दिवस के भीतर राजहरा डेम की सफाई कार्य आरंभ करने हेतु भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को निर्देशित करने के लिए कलेक्टर से आग्रह किया था। अब पूरे 9 माह बाद बीएसपी प्रबंधन द्वारा राजहरा डेम से फाइंस निकालने का कार्य शुरू कराया गया है।
इधर पर्यावरण प्रेमी विरेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होने भी पूर्व वर्षों में कई बार राजहरा माइंस प्रबंधन तथा कलेक्टर को ज्ञापन देकर राजहरा डेम में पट रहे फाइंस पर ध्यानाकर्षण कराया और डेम के उचित सफाई कराने का निवेदन किया लेकिन बार बार दिए गए आश्वासन के बावजूद नतीजा सिफर रहा था।
अब बीएसपी प्रबंधन द्वारा राजहरा डेम की सफाई और वहां पटे हुए फाइंस को निकालने का कार्य प्रारंभ करने से नगर के जनप्रतिनिधियोंं एवं पर्यावरण प्रेमियों में राजहरा डेम के संरक्षण के प्रति उम्मीद जगी है।