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कोरिया: रायल्टी घोटाला, अब तक जांच शुरू नहीं
26-Mar-2021 5:34 PM
कोरिया: रायल्टी घोटाला, अब तक जांच शुरू नहीं

सूचना के अधिकार से मिली जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 26 मार्च।
कांग्रेस सरकार में बीते वर्ष कोरिया जिला में रायल्टी घोटाला सामने आने के बाद कलेक्टर कोरिया द्वारा आज तक किसी भी तरह की जांच नहीं कराई गई है, इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत खनिज विभाग ने दी है। वहीं मामले को लेकर कलेक्टर ने 24 विभागों को प्रपत्र बनाकर जानकारी देने को कहा था। सूचना के अधिकार के तहत सिर्फ दो विभागों ने ही कलेक्टर को जानकारी मुहैया कराई है, जबकि अन्य विभाग कलेक्टर के आदेश पर कोई भी जवाब नहीं दिया और न ही प्रशासन ने दुबारा उन्हें जानकारी देने की याद दिलाई है। चर्चा है कि करोड़ों के रायल्टी घोटालों को प्रशासन खत्म करने की तैयारी में है।

इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी त्रिवेणी देवांगन का कहना है कि अभी तक किसी भी तरह की जांच के आदेश नहीं दिए गए है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले में ठेकेदारों की विभागों में रायल्टी के नाम पर रूकी रकम को फर्जी चुकता प्रमाण पत्र जारी कर करोड़ों की रकम निकाल कर सरकार को जबरदस्त आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। वहीं कलेक्टर ने आज तक रायल्टी घोटाले के फर्जीवाड़े की किसी भी तरह की जांच नहीं कराई है, सूचना के अधिकार से कलेक्टर खनिज शाखा से जानकारी में बताया गया हैै कि अभी तक मामले में जांच प्रतिवेदन नहीं बनाया न ही जांच शुरू की गई है। 

गौरतलब है कि जब 5 माह पूर्व सितंबर 2021 में यह मामला सामने आया था, तब सूचना के अधिकार से जानकारी मांगें जाने पर कलेक्टर ने 8 अक्टूबर 2020 को जिले के 24 कार्यालय प्रमुखों को पत्र जारी कर जिला अंतर्गत संचालित निर्माण कार्यों में प्रयुक्त गौण खनिजों की रायल्टी चुकता प्रमाण जांच के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। साथ ही साथ ही चुका प्रमाण पत्र की छायाप्रति निर्धारित प्राारूप में तत्काल मांगी गई थी। लेकिन अब तक कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के पांच माह पूर्ण हो जाने के बाद भी जिले के कई कार्यालय प्रमुखों द्वारा जानकारी नहीं दी गई।

कलेक्टर के पत्र में फर्जी रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र
जानकारी के अनुसार कलेक्टर द्वारा 8 अक्टूबर 2020 को आदेश प्रसारित किया था। बीते वर्ष कोरिया जिले में रायल्टी घोटाला सामने आया था। शिकायत थी कि कुछ निर्माण एजेंसियों ने ठेकेदार के द्वारा फर्जी रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने की जानकारी सामने आई थी। जिसके आधार पर निर्माण एजेंसियों द्वारा बिना जांच किए ही भुगतान कर दिया गया था। जिसके कारण शासन को राजस्व की हानि हुई। 

इस तरह की शिकायत कलेक्टर के समक्ष आने के बाद कलेक्टर ने जारी आदेश में कहा कि जनवरी 2018 से आदेश प्रसारित होने तक कितने रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र जमा किए गए उस दिनांक से  आदेश जारी होने के दिनांक तक कितने निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदार को अंतिम देयक का भुगतान किया गया की जानकारी मांगी गई जिसमें ठेकेदार का नाम एवं प्रयुक्त खनिज की मात्रा एवं रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र की मांग की गई थी। 

आदेश में यह भी कहा गया था कि ठेकेदार के द्वारा अंतिम देयक भुगतान करने के पूर्व रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र का सत्यापन इस कार्यालय द्वारा होने के पश्चात ही ठेकेदार के अंतिम देयक के भुगतान करने के आदेश दिए गए थे। साथ ही कहा गया कि यदि किसी प्रकरण में बिना रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र एवं सत्यापन के अंतिम भुगतान किया जाता है तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी संबंधित विभाग की होगी।

तय समय में किसी विभाग ने नहीं दी जानकारी
जिले में करोड़ों रूपये का रायल्टी घोटाला सामने आने के बाद कलेक्टर कोरिया ने कुल  24 विभागों को रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये थे। पांच माह बीत जाने के बाद ज्यादातर विभागों ने कलेक्टर के आदेश का पालन नही किया। इस तरह जिले में कलेक्टर के आदेश का भी विभागीय अधिकारी गंभीरता से नही लेते है और आदेश के बाद भी चुपचाप रहे और चाही गयी जानकारी प्रस्तुत नही की। 

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ दो विभाग राजीव गांधी शिक्षा मिशन व जल संसाधन विभाग ने जानकारी दी लेकिन तय समय के बाद दी गयी। कम से कम दो विभागों ने तो जानकारी दी लेकिन  24 में 22 विभागों ने तय समय सीमा में जानकारी को उपलब्ध नही करायी। इसके बाद भी जानकारी नहीं देने वाले लापरवाह विभाग प्रमुखों के विरूद्ध कलेक्टर द्वारा अब तक किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई जबकि जिले में करोड़ों का रायल्टी घोटाला कर शासन को मिलने वाली राजस्व का नुकसान किया है। गंभीर प्रकृति का मामला होने के बावजूद भी इस दिशा में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है।  

महत्वपूर्ण विभाग जिन्हें आदेश दी गई थी
कलेक्टर कोरिया खनिज शाखा द्वारा 24 विभागों को रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे। जिसका सत्यापन किया जाना था उनमें महाप्रबंधक एसईसीएल बैकुण्ठपुर, र्नोडल अधिकारी जिला खनिज न्यास निधि कोरिया, कार्यपालन अभियंता, छग राज्य औद्योगिक विकास निगम रायपुर, छग, संचालक गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया, सहायक आयुक्त,आदिवासी विकास विभाग कोरिया, छग मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लि अंबिकापुर, जिला सांख्यिकी अधिकारी कोरिया, जिला मिशन समन्वयक सर्वेशिक्षा अभियान बैकुंठपुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत नई लेदरी, झगराखांड, खोंगापानी कोरिया, सीएमओ बैकुंठपुर, शिवपुर चरचा व मनेंद्र्रगढ़़, आयुक्त नगर निगम चिरमिरी,  नोडल अधिकारी  छग स्टेट वेयर हाऊसिंह कार्पो बैकुंठपुर, सहायक अभियंता लोनिवि बैकुंठपुर, कार्यपालन अभियंता पीएचई, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग,  कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा बैकुंठपुर, कार्यपालन अभियंता सह सचिव सदस्य मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना बैकुंठपुर, कार्यपालन अभियंता सह सचिव सदस्य प्रधान मंत्री ग्रामीण सडक योजना कार्यपालन अभियंता लोनिवि सेतु निगम संभाग अंबिकापुर, कार्यपालन अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग अंबिकापुर,कार्यपालन अभियंता लोनिवि मनेंद्रगढ,कार्यपालन अभियंता मनेंद्रगढ़, सभी जनपद सीईओं, वन मण्डलाधिकारी बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़, व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शामिल हैं।
 

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