कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 27 मार्च। रंगों का पर्व होली को लेकर बाजार में पहली बार स्वदेशी पिचकारियों की भरमार देखी जा रही है, हालांकि चाइना की पिचकारी से कुछ हद तक चमक कम है पर यह भी तय है कि यदि इसी तरह से हमारे देश में इस पर काम होता रहा है, तो हम आत्मनिर्भर होकर रहेंगे।
बाजार में आई पिचकारी और तरह-तरह के मास्क को लेकर लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है, परन्तु ठीक त्यौहार के पूर्व कोरोना के कहर ने लोगों के मन में निराशा के भाव जगा दिए हैं, इसका असर व्यापार जगत में पडऩे के बड़े असार नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार होली के दो दिन पूर्व 26 मार्च को शहर में अस्थाई रूप से रंगों का बाजार सजाये गये। इस दिन शहर के घड़ी चौक, एसईसीएल चिकित्सालय चौक पर अस्थाई रंगों का दुकानें सजने लगी है इसके पूर्व कुछ स्थाई दुकानदारों द्वारा रंग पिचकारी बेची जा रही थी। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन द्वारा लगायी गयी पाबंदी का असर बाजार में भी देखने को मिल रहा है इस तरह इस बार रंगों का बाजार में रौनक उतनी नहीं रहने की संभावना है। जबकि रंगो के बाजार में तरह तरह के रंग अबीर विक्रय के लिए रखे गए हैं। इसके अलावा नई डिजाईनों में कई तरह के पिचकारियॉ भी विक्रय की जा रही है जो कि अधिकतम एक हजार रूपये तक उपलब्ध है। इसके अलावा कई तरह के मुखौटै भी होली के बाजार में बिक रहे है।
उल्लेखनीय है कि आगामी 28 मार्च की रात्रि में होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन को लेकर भी ज्यादा उत्साह नहीं देखा जा रहा है। इस बार शहर के कुछ ही जगहों पर होलिका बनाई गई है। वहीं होली के कई दिनों पूर्व से ही बच्चों द्वारा पिचकारी लेकर दौड़ते नजर आते थे लेकिन इस बार होली के पूर्व बच्चों में भी उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है और न ही लोगों में भी होली को लेकर कुछ उत्साह देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि होली का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन इसके पूर्व ही प्रशासन द्वारा जिले में कोरोना के प्रसार को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंध लागू करने संबंधी आदेश जारी किए हैं जिससे कि सार्वजनिक रूप से होली का पर्व नहीं मना पायेंगे। सार्वजनिक तौर पर होली मिलन समारोह के अलावा अन्य तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई हैं। ऐसे में इस बार रंगों का पर्व होली का रंग फीका ही रहेगा। यही कारण है कि इस बार होली पर्व के पूर्व रंगों का बाजार ज्यादा नहीं दिखाई दे रहे हैं।
रंगभरी पोशाकें
बैकुंठपुर के युवा व्यावसायी रवि गुप्ता ने इस बार होली के रंगों में रंगने के लिए रंग भरी पोशाकें तैयार की है, सफेद पोशाकों को अलग-अलग सुन्दर रंगों से रंगकर बाजार में उतारा है, अपने आप में एकदम अलग तरह के इस तरीके को लोग हाथों हाथ ले रहे हैं, उनके बच्चों से लेकर महिला पुरूष के लिए अलग अलग रंग बिरंगे वस्त्र है, जिन पर छपाई का काम वो स्वयं करते है, बच्चों की पोशाकों में उनके फोटो भी प्रिंट कर उसे आकर्षक बनाकर बेच रहे हैं।
रंगों का बाजार भी फीका
इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के चलते होली के अवसर पर रंगों का बाजार भी फीका रहने की संभावना है। कोरोना के बढऩे के कारण इस बार शहर में रंगों का बाजार देर से सजाये गये हैं वह भी सीमित संख्या में दुकानदारों द्वारा दुकानें लगाई गई हैं। होली का पर्व माह के अंतिम सप्ताह में आया है और इसके पूर्व वेतनभोगियों को वेतन भी नहीं मिल पाया है ऐसे में व्यापारियों को भी इस बात का अंदेशा है कि इस बार होली में रंगों का बाजार फीका रहेगा। यही कारण है कि इस बार कम संख्या में रंगों के दुकान सजाए गए हैं।
पुलिस लाईन में भी नहीं रहेगा उत्साह
जानकारी के अनुसार होली के दिन पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर रहते हैं लेकिन पुलिस परिवार होली का रंग में एक दूसरे को रंगते नजर आते हैं वहीं दूसरे दिन पुलिसकर्मी होली खेलते हंै लेकिन इस बार प्रतिबंध के चलते पुलिस लाईन में पुलिस कर्मियों की भी होली का उत्साह देखने को नहीं मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पुलिस लाईन में प्रति वर्ष दो दिनों तक होली उत्साह के साथ खेली जाती रही है। लेकिन इस बार प्रतिबंध के चलते पुलिस लाईन में भी इस बार होली का उत्साह देखने को नहीं मिलेगा।