राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मार्च। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव भूगोल विभाग द्वारा विश्व जल दिवस के महत्तम परिप्रेक्ष्य में संस्था प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल के प्रमुख संरक्षण में विषय ‘जल है तो जीवन है’ पर ऑनलाइन विचार संगोष्ठी आयोजित की गई।
ऑनलाइन संगोष्ठी में विभागाध्यक्ष प्रो.कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि मानव सभ्यता के अस्तित्व एवं खुशहाल भविष्य के लिए जल बचत एवं उसका संरक्षण सर्व जन-जन का मौलिक दायित्व है। व्यक्ति-व्यक्ति को घर-घर में नित्य जल बचाने के सहज, सरल उपयों पर विस्तार से प्रकाश डालते प्राध्यापक द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक परिवार थोड़ी सी जागरूकता के साथ प्रतिदिन सैकड़ों लीटर स्वच्छ जल बचाया जा सकता है।
संगोष्ठी में डॉ. निवेदिता ए लाल ने निरंतर बढ़ते जल प्रदूषण पर प्रभावकारी नियंत्रण के उपायों पर चर्चा करते बताया कि साबुन-सोडा, कीटनाशक रसायन आदि के उपयोग को सीमित करते वैकल्पिक उपक्रम द्वारा भारी मात्रा में स्वच्छ जल के प्रदूषण को रोका जा सकता है तथा जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सकता है।
डॉ. जयसिंग साहू ने प्रमुख रूप से जल स्रोतों व तालाब, पोखर, नाले, झरने, नदियों को साफ. स्वच्छ रखने पर जोर देते बताया कि प्रतिवर्ष कम से कम एक बार इन महत्तम जल स्रोतों की सफाई होना चाहिए। जिससे इनके जल स्तर मेें सतत वृद्धि हो तथा प्रत्येक व्यक्ति, उद्योग और विभिन्न संस्थानों को इन जल स्रोतों में दूषित, अपशिष्ट, सड़ा-गला कचरा डालने से परहेज करना चाहिए, तभी स्वच्छ जल का संवर्धन किया जा सकता है।
संगोष्ठी में विषयक छात्राओं विशेषकर सुलभ वैष्णव, आसिया खानम, हेमा लहरे, ऐश्वर्या आदि ने वैचारिक सहभागिता के साथ घर-घर जल बचत करने हेतु जागरूक करने का संकल्प लिया तथा स्वयं जल संरक्षण के लिए जागरूक रहने की शपथ ली।