राजनांदगांव
राजनांदगांव, 1 अप्रैल। महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चाईल्ड लाइन की टीम ने गत दिनों गांव पहुंचकर नाबालिग के माता-पिता तथा वर पक्ष को बाल विवाह न करने की समझाइश दी गई। तब कहीं जाकर बाल विवाह रोका गया।
जिले के एक गांव से 26 मार्च 2021 को सुबह 1098 चाईल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर में फोन की घंटी बजी। उसमें एक लडक़ी की आवाज सुनायी दी, उसने बताया कि गांव में एक लडक़ी जिसकी आयु महज 17 वर्ष की है, वह ब्याह नहीं करना चाहती है, लेकिन उसके परिजनों द्वारा जबरदस्ती बाल विवाह कराया जा रहा है।
चाईल्ड लाइन की टीम द्वारा अविलम्ब जिला बाल संरक्षक अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग चंद्रकिशोर लाड़े को सूचना दी गई। तत्पश्चात जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश द्वारा मामले को गंभीरता से लेते महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चाईल्ड लाइन की टीम को तत्काल रवाना किया गया। विवाह स्थल पर पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग छुईखदान राजेश्वरी गायकवाड़, सामाजिक कार्यकर्ता स्मिता ऊके, आउटरिच वर्कर अनिल सिन्हा एवं समन्वयक महेश साहू, डोमनलाल टीम मेम्बर चाईल्ड लाइन तथा पुलिस बल थाना छुईखदान पहुंचकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मिलकर पता लगाया कि आखिर बाल विवाह किसका हो रहा है। बालिका के माता-पिता तथा वर पक्ष को बाल विवाह न करने की समझाइश दी गई। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के दांडिक प्रावधानों से अवगत कराते कम उम्र में शादी करने से उनके सेहत पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव के बारे में बताया गया, तब कहीं जाकर बाल विवाह रोका गया।