राजनांदगांव
रोजाना हो रही दो मौतें
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 2 अप्रैल। जिले में वैश्विक महामारी कोरोना खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना वायरस की मारक क्षमता बढ़ गई है। लिहाजा जिले में सप्ताहभर में औसतन हर दिन दो मौतें हो रही है। मौतों का आंकड़ा दिल दहलाने लगा है। वहीं बीते तीन दिन में नए संक्रमितों की संख्या हजार पार हो गई है। 30 मार्च से एक अप्रैल के बीच 1173 नए मरीज मिले हैं। तीनों दिन औसतन 375 से अधिक रहा है। स्वास्थ्य महकमे के लिए स्थिति बेकाबू होने लगी है।
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक सख्ती नहीं बरतने के कारण भी लोग बेपरवाही से घूमते नजर आ रहे हैं। चौतरफा कोरोना ने कहर बरपाते हुए देहात और शहरी इलाकों में लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। मार्च के आखिरी सप्ताह में तेजी से बढ़े कोरोना के चपेटे में आए लोगों की मौतें भी हो रही है। रोज जिले में कम से कम 2 से 3 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि खतरनाक स्तर पर पहुंचे कोरोना की रफ्तार में कमी आने की फिलहाल संभावना नहीं है। ऐसे में लोगों को बार-बार हिदायत दी जा रही है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ-साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करे। बिगड़ते हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 3 दिनों के भीतर तकरीबन हजारभर कोरोना से संक्रमित मिले हैं। मार्च के आखिरी सप्ताह और अप्रैल के पहले दो दिन में औसतन 300 से अधिक केस सामने आ रहे हैं। मरीजों में सर्दी-खांसी और सिरदर्द जैसी शिकायतें मिल रही है। जांच में एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट में संक्रमित होने की पुष्टि हो रही है।
जनवरी और फरवरी के महीने में चुनिंदा लोगों की मौत हुई थी। मार्च के आखिरी सप्ताह में भयावह रूप के साथ कोरोना फिर से लौट गया। जिसके चलते अब तेजी से मौतों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। गुजरे एक साल में करीब 216 लोगों की कोरोना से जान गई। अप्रैल के पहले दिन कोरोना ब्लास्ट के रूप में 405 नए संक्रमित मरीज सामने आए। जिसमें शहर में 155 और समूचे जिले में 205 पॉजिटिव केस सामने आए। ग्रामीण इलाकों में सर्वाधिक डोंगरगढ़ में 72, खैरागढ़ में 48, राजनांदगांव ग्रामीण में 38 और छुईखदान में 36 पॉजिटिव मिले हैं। इससे पहले 31 को 447 और 30 मार्च को 321 मरीज सामने आए। इधर शहर में कंटेनमेंट जोन की संख्या में भी धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के चलते जिले के हालात खराब हुए हैं। सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में फिलहाल कोविडग्रस्त मरीजों से बिस्तर भरे हुए हैं। बताया जा रहा है कि स्थिति में सुधार नहीं होने से हाहाकार मच सकता है। लोगों के सामने कोरोना से बचना एक बड़ी चुनौती बन गई है।