राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 अप्रैल। तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होने से लोग गर्मी से हलाकान होने लगे हैं। इधर बाजार में मटकों का बाजार भी सजकर तैयार हो गया है। वहीं बाजार में ठंडे पेय पदार्थों और फलों की दुकानें भी सजकर तैयार है। लोग घरों और दफ्तरों में एसी और कूलर का सहारा लेने लगे हैं। सुबह से ही सूर्य की तपिश से लोग हलाकान होने लगे हैं। सूर्य की तेज किरणें और गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों को झुलसा दिया है। इधर शाम होते ही लोगों की चहल-पहल सडक़ों, गार्डनों व मैदानी क्षेत्रों में दिखने लगा है।
शनिवार को सूर्य निकलने के साथ ही तापमान में वृद्धि होने से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई। तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण लोगों का घर से निकलना दूभर हो रहा है। ऐसे में शहर की सडक़ों में सन्नाटा पसरने लगा है। लोग जरूरी कामों को लेकर ही घर से बाहर निकलने मजबूर हो रहे हैं। वहीं घर से बाहर आवागमन करने वाले लोग चश्मा, टोपी, स्कार्फ, छाता समेत अन्य सुविधाओं को लेकर सडक़ों में निकलने मजबूर हो रहे हैं। घरों में रहने वाले लोगों को पंखे भी राहत नहीं दे पा रही है। लोग कूलर और एसी से राहत पाने की जुगत में हैं। गर्मी का सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। इस कारण लोगों को बीमारियों ने भी अपनी चपेटे में ले रही है।
फाल्गुन माह होली पर्व के बाद प्रचंड गर्मी से हालत लगातार बिगड़ रहे हैं और लोग स्कार्फ और टोपी व चश्मा का सहारा ले रहे हैं। दिन में आसमान से सूरज जहां आग के गोले बरसा रही है। वहीं रात को भी लोग गर्मी और उमस से हलाकान हो रहे हैं। आलम यह है कि रात को भी दिन की तर्ज पर पसीने से तरबतर होना पड़ रहा है। रात के तापमान में हालांकि कमी होने से लोगों को ठंडकता का अहसास हो रहा है। अप्रैल महीने के शुरूआत में ही गर्मी बढऩे लगी है। उधर गर्मी की मार से लोगों को पेयजल के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाके में निस्तारी के लिए लोगों को भटकने की नौबत आ रही है। जबकि जलस्तर घटने से हैंडपंप भी जवाब देने लगे हैं।
बताया जाता है वर्तमान माह में पारा करीब 40 डिग्री सेल्सियस से पार होने से दोपहर में सडक़े जहां सूनी नजर आ रही है। वहीं फुटपाथ पर दुकान संचालित करने वाले भी दोपहर को दुकानें बंद कर शाम को संचालित करने लगे हैं। इधर सुबह सूर्य निकलने के बाद लगभग 10 से 11 बजे सूर्य की तपिश से जहां लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं सडक़ों में सन्नाटा पसरने से दुकानदार भी घरों की ओर रूख कर शाम को दुकान खोलने लगे हैं। इधर शाम को बाजार क्षेत्र में भी तापमान में गिरावट होने से लोगों की चहल-पहल बनी रहती है। सूर्य की तपिश को लेकर घर से बाहर निकलने वाले लोग हाथों में छाता व स्कार्फ बांधकर निकल रहे हैं। वहीं तापमान बढऩे से सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों की दिनचर्या प्रभावित होगी। इस बीच बढ़ती गर्मी से लोगों को अचेत होने जैसा आभास भी हो रहा है। बताया जाता है कि बढ़ते तापमान से शरीर की आंतरिक शक्ति भी जवाब देने लगी है। यही कारण है कि लोग घर से निकलने के लिए सोचने पर विवश हो रहे हैं।