राजनांदगांव

बहादुर अली ने पोल्ट्री-पशुधन किसानों की स्थिति सुधारने पीएम को लिखा
04-Apr-2021 2:04 PM
बहादुर अली ने पोल्ट्री-पशुधन किसानों की स्थिति सुधारने पीएम को लिखा

राजनांदगांव, 4 अप्रैल। पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बहादुर अली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पोल्ट्री एवं अन्य पशुधन किसानों की आर्थिक स्थिति सुरक्षित रखने की मांग की।

अध्यक्ष श्री अली ने भारत सरकार द्वारा तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते कहा कि 12 लाख मैट्रिक टन (एमटी) के सोयाबीन को शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दें, ताकि सोयाबीन मील की कीमतों में मौजूदा उछाल को नियंत्रित कर सके और तत्काल प्रभाव से कमोडिटी एक्सचेंजों पर सोयाबीन व्यापार को रोक सके। जिससे पोल्ट्री एवं अन्य पशुधन किसानों की आर्थिक स्थिति सुरक्षित रह सके।

अध्यक्ष श्री अली ने लाइवस्टॉक पोल्ट्री किसानों और पोल्ट्री उद्योगों की ओर से सोयाबीन बीज की बढ़ती कीमत के कारण सोयाबीन मील की कीमत में आए अनर्थक उछाल और वर्तमान बाजार स्थिति पर प्रधानमंत्री का ध्यानाकर्षण कराया। उन्होंने कहा कि यह उछाल अनुमान पर चलने वाले कमोडिटी बाजार, कमोडिटी स्टॉक ब्रोकिंग और स्टॉकिस्ट लॉबी के कारण हुआ है, जो कीमतों में 45 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सोयाबीन की कीमतें 65 हजार प्लस जीएसटी प्रति मैट्रिक टन पर चल रहा है, लेकिन अभी भी क्रशिंग के लिए साल्वेंट प्लांट्स को आसानी से कोई बीज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि स्टॉकिस्ट, मूल्य वृद्धि होने की अटकलों के कारण बिक्री नहीं कर रहे हैं, जब तक सोयाबीन के दाम 45 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक की प्रचलित रेंज पर थे और किसानो की आय हो रही थी। जबकि एमएसपी 38 हजार रुपए प्रति एमटी रुपए है। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री और लाइवस्टॉक उद्योग धैर्य और संयम बनाए हुए थे, क्योंकि अप-ट्रैंड सोयाबीन किसानों के हित में था, परन्तु सोया बीज की वर्तमान कीमतें जो कि 65 हजार प्लस जीएसटी है। जिसके कारण सोया डीओसी का मूल्य 54 हजार प्लस जीएसटी हो गया है, जो पिछले 2-3 माह में सामान्य से 40 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि सोया मूल्य वृद्धि से मक्का किसानों, पोल्ट्री व अन्य पशुधन किसानों और कृषि उत्पादों की कीमतें बढऩे जैसे कई दुष्प्रभाव उत्पन्न होंगे और इससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमतों पर उत्पाद खरीदने मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत पोल्ट्री किसानों ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अपने फाम्र्स को बंद कर दिए थे। अब सोया मील (डीओसी) फीड लागत में वृद्धि के कारण बाकी किसानों को भी अपने फाम्र्स बंद करने मजबूर होना पड़ेगा। इससे मक्का की मांग में भी गिरावट आएगी, क्योंकि इसकी वर्तमान कीमत 14 हजार रुपए प्रति एमटी रुपए से 12 हजार रुपए प्रति एमटी तक गिर जाएगी या सरकारी एमएसपी 18 हजार रुपए है।

श्री अली ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग करते कहा कि लाइवस्टॉक फाम्र्स के संरक्षण के लिए भारत में फीड मिलर्स द्वारा 12 लाख एमटी सोयाबीन मील का आयात शुल्क मुक्त करने तथा कमोडिटी एक्सचैलेंज में सोयाबीन कमोडिटी व्यापार को तत्काल रोकें। जिससे वर्तमान स्थति में सट्टा बाजार आधारित मूल्य में वृद्धि रोक लगेगी।

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