दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। भाजपा जिला उपाध्यक्ष व मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष संतोष सोनी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र मेल कर आईसीएमआर ( इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ) के कोरोना उपचार के वर्तमान गाईडलाईन में संशोधन करने की मांग की है।
संतोष सोनी ने पत्र में लिखा है कि कोविड 19 प्रथम व द्वितीय लहर में इतनी बड़ी संख्या में हुई आकस्मिक मौतों का सबसे बड़ा कारण कोरोना टेस्ट कराने के बाद ही कोविड की प्रारंभिक एन्टी वायरल दवाओं की खुराक दे सकने की अनिवार्यता का नियम है।
स्पष्ट लक्षण वाले मरीजों की भी जब तक जांच रिपोर्ट आती है तब तक चिकित्सक मजबूरी में उसे सर्दी खांसी बुखार की सामान्य दवा ही खिला सकता है। अनेक भिन्न कारणों से मरीज की जांच रिपोर्ट में 4 दिन से 10 दिन तक का विलंब व चिकित्सक के द्वारा उसे कोविड 19 की एन्टी वायरल दवाओं की खुराक प्रारम्भ न कर पाना ऐसे मरीजों के लिए अत्यंत घातक हो जाता है। ऐसे मरीजों में वृद्ध व को-मार्बीडीटी रोग ग्रसित मरीजों का रक्त तेजी से गाढ़ा होने लगता है एवं फेफड़े का सूजन भी काफी बढ़ जाता है जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत व ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल काफी लो हो जाता है फलस्वरूप आनन फानन रात बिरात अस्पताल में भर्ती कर ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर रख कर मँहगे इंजेक्शन से इलाज करना पड़ता है, जिसके बाद भी बचने की संभावना कम रहती है और बच गए तो अस्पताल का 3-4 लाख का बिल और एक से ज्यादा सदस्य के इलाज में 10-12 लाख रुपये के बोझ से वो परिवार दब जाता है। पोस्ट कोविड मरीज के फेफड़े भी कमजोर या खराब हो जाते हैं।
संतोष सोनी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से अपील किया है कि आईसीएमआर की गाईडलाईन में तत्काल प्रभाव से सुधार कर पूरे देश में चिकित्सकों को कोविड के लक्षण के आधार पर संदिग्ध कोविड मरीजों को आईसीएमआर निर्देशित उपचार सूची के तहत एन्टी कोविड दवाओं की खुराक देने की पात्रता विधिवत प्रदान की जाए जिससे मरीज को मौत से बचाया जा सकेगा।
भारत जैसे चिकित्सा सुविधा के लिए संघर्षरत देश एवं इतनी बड़ी जनसंख्या के जागरूकता व शिक्षा के अभाव के कारण कोविड जांच में विलंब की बहुत अधिक संभावना है ऐसे में आईसीएमआर की कड़ी गाईडलाईन के कारण पूरे भारतवर्ष में चिकित्सको के हाँथ बंधे हुए हैं और वास्तविक जरूरतमंद लाखों मरीज, कोविड लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की दवा से वंचित होकर जिंदगी व मौत का संघर्ष करने को विवश हैं।
संतोष सोनी ने अस्पतालों में कोविड उपचार हेतु उपयोग में लाये जा रहे मँहगे इंजेक्शन पर दवा कंपनियों द्वारा दिये जा रहे भारी मुनाफे पर तत्काल रोक लगा उनके दाम को आधा करने व रक्त जांच व सीटी स्कैन के दरों को वर्तमान दर से आधा करने की भी मांग स्वास्थ्य मंत्री से की है।