राजनांदगांव
राजनांदगांव, 6 अप्रैल। शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में 3 अप्रैल को प्राचार्य डॉ. आईआर सोनवानी के मार्गदर्शन में राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नागरत्ना गनवीर ने अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। ऑनलाइन व्याख्यान में मुख्य वक्ता डॉ. कमल सैनी विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान शासकीय महाराज आचार्य पीजी संस्कृत महाविद्यालय गांधी नगर जयपुर राजस्थान थे। प्राचार्य डॉ. सोनवानी ने स्वागत भाषण देते कहा कि मौलिक अधिकार लोकतंत्र के आधार स्तंभ हैं। संविधान को जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि उनके द्वारा व्यक्ति का पूर्ण भौतिक एवं मानवीय विकास होता है।
इन अधिकारों के अभाव में व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास संभव नहीं है। ये अधिकार एक देश के राजनीतिक जीवन में एक दल विशेष का अधिनायकत्व पर अंकुश लगाता है। ये मौलिक अधिकार नागरिकों को न्याय और उचित व्यवहार की सुरक्षा प्रदान करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों की जानकारी होना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ. कमल किशोर सैनी ने कहा कि मूल अधिकार राज्य व व्यक्ति के संबंधों को प्रगाढ़ बनाते हैं। जनता अपने विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं की मांग करती है। राज्य उसे स्वीकृति प्रदान करता है, इसे ही लोकतंत्र का गुण कहा जाता है। भारतीय संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 में मूल अधिकारों की विस्तार से व्याख्या की गई है।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. नागरत्ना गनवीर ने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में जहां अनेक विविधताएं हैैं, नागरिकों के अधिकार लिखित रूप में संविधान मे संरक्षित है। जरूरत है उन अधिकारों को प्रत्येक व्यक्ति को जानने और समझने की तथा अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों के पालन की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गनवीर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. फुलसो राजेश पटेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. निर्मला उमरे, डॉ. निर्मला, डॉ. पटेल, डॉ. एसआर कन्नौजे, प्रो. निर्मला जैन, प्रो. सीमा, प्रो. मुरली आदि प्राध्यापक उपस्थित थे।