कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 6 अपै्रल। विकासखंड क्षेत्र के माता के मंदिरों में बसंती नवरात्रि पर्व के आयोजन की तैयारियां जोर शोर से होने लगी है। विकासखंड मुख्यालय के समस्त माता देवालयों के साथ साथ नगर के शीतला मंदिर में भी मंदिर परिसर की साफ-सफाई की जा चुकी है और मंदिर का रंग रोगन के कार्य को भी पूरा कर लिया गया है। क्षेत्र के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बंजारी मन्दिर चिल्फी घाटी जबलपुर रोड एन एच में भी नवरात्रि पर्व की तैयारी जोरों पर है।
वनांचल में मैकल पर्वत के बीच व्यवस्थित मां बंजारी सिद्ध पीठ में 40 सालों से ज्योति प्रज्वलित किया जा रहा है। इस विषय में जानकारी देते हुए मां बंजारी सेवा समिति के एवं मंदिर के मुख्य पुजारी विजय गोस्वामी ने बताया कि उनके दादाजी मान गिर गोस्वामी द्वारा 1980 के पहले से मां बंजारी की पूजा अर्चना जोत जलाकर की जाती रही है।बंजारी मंदिर का वर्तमान स्वरूप नहीं बना था। काफी पहले से ही उनके दादाजी के द्वारा मिट्टी के झोपड़े में मां बंजारी की प्रतिमा के पास निरंतर ज्योति प्रज्वलित कर पूजा पाठ किया जाता था।
1986 के आसपास बोड़ला के प्रमुख व्यवसायी लक्ष्मी नारायण केशरवानी काशी प्रसाद केसरवानी स्वर्गीय बिंदा प्रसाद केसरवानी चिल्फी घाटी के सहयोग से मां बंजारी के वर्तमान स्वरूप मंदिर का निर्माण हुआ, लेकिन माताजी अपने स्थान से हटने के लिए तैयार नहीं हुई फल स्वरूप उनके पुराने स्थान में ही माताजी को खुले रूप में प्रतिष्ठित रहने दिया गया।
इस तरह प्रारंभ से ही मां बंजारी में मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित करने की परंपरा रही है, जिसे मान गिर गोस्वामी के बाद उनके पुत्र गोकुल गोस्वामी अब उनके पुत्र विजय गोस्वामी व मां बंजारी सेवा समिति के सदस्यों के द्वारा आधुनिक समय में पूजा अर्चना की जा रही है। इनमें बसंत पंडा, नवल सिंह, अजय गोस्वामी, अमित गोस्वामी, देवल सिंह, शंकर लाल, गौतर सिंह आदि की प्रमुख भूमिका नवरात्र पर्व के आयोजन में रहती है। श्री गोस्वामी ने बताया की मां बंजारी सिद्ध पीठ में 5 से 7 राज्यों के श्रद्धालुओं द्वारा मनोकामना ज्योति प्रज्वलित किया जाता है।
40 वर्षों से जल रही है मनोकामना ज्योति कलश
मां बंजारी मंदिर के पुजारी विजय गोस्वामी ने बताया मां बंजारी मंदिर में सन 1980 के पहले से उनके दादाजी के द्वारा ज्योत जलाए जाने की परंपरा प्रारंभ की गई थी, उसके बाद से लगातार 40 वर्षों से यहां मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किया जा रहा है। पुजारी श्री गोस्वामी ने बताया कि माता के मंदिर में भक्तों के मनोकामना सिद्ध होने के कारण से श्रद्धालुओं द्वारा माता के मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश स्थापित करने की परंपरा बढ़ती जा रही है। दादाजी के समय में पहले दो चार भक्तों द्वारा मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करवाई जाती थी, लेकिन अब मां बंजारी के मंदिर में ढाई सौ से तीन सौ श्रद्धालुओं द्वारा मनोकामना ज्योति कलश स्थापना कराई जाती है। नवरात्रि पर्व में यहां मेले सा माहौल रहता है काफी दूर-दूर से भक्त गण अष्टमी के हवन के लिए यहां पहुंचते हैं। मंदिर में आयोजित भंडारा में प्रसाद पाने सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।