धमतरी
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर ‘छत्तीसगढ़’ ने की नर्सों से चर्चा
जमाल रिजवी
कुरुद, 7 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’)। हमारे देश में जब से कोरोना वायरस ने प्रवेश किया है, तब से लेकर अब तक डेढ़ लाख से अधिक लोग असमय अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि स्वास्थ्य अमला दिन-रात सेवा में जुटा है। अगर ये कोरोना वॉरियर्स नहीं होते तो सोचो जरा हम सबकी क्या स्थिति होती। विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर नर्स यूनियन की कुछ पदाधिकारियों से ‘छत्तीसगढ़’ ने चर्चा कर उनके बारे में जानकारी ली।
नर्स यूनियन की जिला उपाध्यक्ष सारिका वाटर, शशिप्रभा बांडे ने बताया कि हर तरह के रोगियों की सेवा में समर्पित स्टाफ नर्सेस किसी भी परिस्थिति में छत्तीसगढ़ के लोगों को कोरोना संक्रमण से मुक्त करने में दिन-रात सेवा करने सदा तत्पर हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में स्टाफ नर्सेस की वैल्यू कम पढ़े-लिखे व्यक्तियों के समान ही है। न तो उन्हें संतोषजनक वेतन प्राप्त हैं और न ही सम्मान जनक पदनाम। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के बीच में अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेवा में 24 घंटे तैनात रही कई नर्सेस और उनके परिवार के लोग संक्रमित होकर मृत्यु को प्राप्त हो गए, फिर भी हम अपने कर्तव्य निर्वहन से पीछे नहीं हटी हैं।
परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष घनश्याम बंजारे ने बताया कि पीडि़त मानव के सेवक स्टाफ नर्सेस का डिप्लोमा कोर्स साढ़े 3 वर्ष और डिग्री कोर्स 4 वर्ष का होता है। लगभग डॉक्टरी कोर्स में जितने विषय होते हैं उतने सब्जेक्ट की पढ़ाई होती है , जिसमें 4 से 6 लाख रुपये का खर्च आता है। नर्स को लोग केवल सुई लगाने और पट्टी करने वाली समझते हैं । वास्तव में नर्सेस का कार्य बहुत ही जटिल होता है, 24 घंटे वह पीडि़त मानव की बेड पर ही देखभाल करती हैं। नर्सेस सारी दवाइयों और इन्वेस्टिगेशन को जानती हैं, रिपोर्ट्स का आंकलन करती हैं। नर्स सभी प्रकार की बीमारियों के बारे में विशेष प्रशिक्षित होती हैं। डॉक्टरों द्वारा दिए गए प्रिसक्रिप्शन को फॉलो कर जरुरी दवा और मेडिकल जांच करवा पूरे समय मरीज की स्थिति को निगरानी करती हंै, किसी भी गंभीर स्थिति को तुरंत समझ कर डॉक्टर को सूचित करती है।
ब्लाक अध्यक्ष नेमा मारकंडे का कहना है कि हम नर्सों को सभी प्रकार की आईसीयू ,आईसीसीयू के उपकरण के टेक्निकल कंपोनेंट्स की जानकारी होती है। ऑपरेशन में चिकित्सकों का पूरा सहयोग करती हैं। ऑपरेशन के पश्चात पूरी देखभाल की जिम्मेदारी स्टाफ नर्स की होती है।
उपाध्यक्ष अनु सिन्हा ने बताया कि स्टाफ नर्सेज छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल एवं जिला अस्पताल में प्रसव का कार्य भी करती है। साथ ही सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सभी प्रकार के हेल्थ प्रोग्राम को सफल बनाने में सहयोग करती हंै। विशेष बात यह है कि स्टाफ नर्सेस हर मरीजों के साथ एक अच्छा इंटरपर्सनल रिलेशनशिप मेंटेन करती हैं, जिससे मरीजों को ठीक होने में काफी मदद मिलती है।
सचिव निर्मला देवांगन ने बताया कि मरीज की स्थिति को देखकर कई बार परिजन भी साथ छोड़ देते हैं, लेकिन हम नर्स ही मरीजों के फीडिंग ट्यूब, पेशाब नली लगाना एवं अन्य सभी प्रकार के प्रोसीजर में डॉक्टर का सहयोग करती हैं। हम नर्सों ने संकल्प लिया है कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ प्रदेश को कोरोना मुक्त बनाएंगे।