रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 अप्रैल। पति से भरण-पोषण की मांग को लेकर आज दोपहर महिला अपनी बेटी और पिता के साथ जय स्तंभ चौक घरघोड़ा में धरने पर बैठ गई। पुलिस के द्वारा समझाईश देने के बाद 4 घंटे बाद उसने धरना समाप्त किया।
महिला का कहना है कि कलेक्टर रायगढ़ के जन चौपाल में नवंबर में पति की प्रताडऩा व ससुर के द्वारा उसको घर से निकाल देने के बाद जीवन यापन के लिए भरण पोषण राशि की मांग की थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने से परेशानियों को देखते हुए जिलाधीश से इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए अपनी मासूम बेटी व पिता के साथ जयस्तंभ चौक घरघोड़ा में धरने पर बैठ गई।
पीडि़ता मनीषा का कहना है कि उसकी शादी कुडुमकेला कोसमघाट निवासी विनोद पिता रामअवतार अग्रवाल के पुत्र शब्बु अग्रवाल के साथ सामाजिक रीति रिवाज के साथ खरसिया के अग्रसेन भवन में संपन्न हुई थी। शादी के बाद पति के द्वारा शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा किया जाता रहा है। इस दौरान एक बेटी हुई, उसके बाद पति शब्बु अग्रवाल का अन्य लड़कियों के साथ सालों से नाजायज संबंध होने की जानकारी मिली। जब पीडि़ता ने इसका विरोध किया तो शब्बु के पिता ने मनीषा को बेटी के साथ 12 फरवरी 2020 को उसके मायके में यह कहकर छोड़ दिया कि दोनों मेरे बेटे के साथ नहीं रहेगी।
पीडि़ता का यह भी कहना है कि मेरे पिता शारीरिक व आर्थिक रूप से कमजोर हैं और हम मां-बेटी का भरण पोषण करने में असमर्थ हैं। ससुरालवाले मेरे और बेटी का भरण पोषण का राशि नहीं दे रहे हैं। जिससे जीवन यापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए उसने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है।