राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 अप्रैल। वीरांगना अवंतीबाई शासकीय महाविद्यालय छुईखदान स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के अकादमिक परिषद के तत्वावधान में डॉ. शकुंतला त्रिपाठी विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी प्राचार्य के प्रमुख संयोजन में विषय विशेष अतिथि ऑनलाइन व्याख्यान माला आयोजित की गई।
इस कड़ी में विषय विशेषज्ञ प्रो. कृष्णकुमार द्विवेदी विभागाध्यक्ष भूगोल शा.कमलादेवी राठी महिला महाविद्यालय राजनांदगांव ने पाठ्यक्रमानुसार विषय जेट प्रवाह पर विषयक छात्राओं को बताया कि जेट प्रवाह उष्ण वायुमंडलीय प्रचंड गति वाला पवन प्रवाह है। वस्तुत: जेट धाराएं क्षोभ मंडल की उपरी परतों में पश्चिम से पूर्व की ओर दृत वेग से चलने वाली परिधु्रवीय विस्तृत चौड़ी पवन धारा है। जिसकी गति उपरी वायुमंडल में 10 से 480 किमी प्रति घंटे की होती है।
प्राध्यापक द्विवेदी ने जेट धाराओं की मुख्य विशेषताएं प्रकृति, स्थिति, क्षेत्र, विस्तार, परिवर्तन आदि तथ्यों पर विस्तृत प्रकाश डालते विशेष रूप से बताया कि जेट धाराओं द्वारा ही मानसून प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। वैज्ञानिक तथ्यों से प्रमाणित हुआ है कि जेट प्रवाह का अचानक परिवर्तन ही मानसून उत्पत्ति का कारण बनता है।
भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून के अभ्युदय में जेट धारा की मुख्य भूमिका रहती है।