रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 अप्रैल। कोरोना के मौत के बाद शव लेने के लिए परिजनों को 48 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। यह स्थिति न सिर्फ रायपुर बल्कि दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव में भी आ गई है। इससे परिजनों में भारी गुस्सा है।
रायपुर में मारवाड़ी और देवेन्द्र नगर शवदाह गृह का हाल यह है कि शेड के बाहर तक शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। गुरूवार को सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 72 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी, लेकिन आंकड़ा कहीं अधिक बताया जा रहा है। अकेले रायपुर में गुरूवार को 45 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। यही नहीं, अंबेडकर अस्पताल का चीरघर शवों से अटा पड़ा है।
रायपुर में शव लेने के लिए दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। मंत्रियों तक के फोन जिला प्रशासन तक पहुंच रहे हैं। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता और संवेदनहीनता की शिकायतें भी सामने आई हैं। एक एसडीएम की शिकायत पर प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे से भी की गई है।
दुर्ग-भिलाई में भी इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि एसडीएम खेमलाल वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि कोशिश हो रही है कि कोविड से मृत लोगों के शव परिजनों को उसी दिन सौंप दिया जाए, और जल्द ही अंतिम संस्कार हो जाए। लेकिन कई बार शाम को शव आ रहे हैं, इसके कारण अगले दिन अंतिम संस्कार हो पाते हैं। राजनांदगांव में भी कुछ इसी तरह की स्थिति बन रही है।
परिजन इसको लेकर काफी आक्रोशित हैं। रोजाना अलग-अलग स्तरों पर शिकायतें हो रही हैं। परन्तु अभी तक व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी आने की संभावना नहीं है। मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो सकता है। वजह यह है कि पीडि़तों की संख्या बढऩे के कारण इलाज में कमी आई है।