बलौदा बाजार

सकरी में 4 दिनों में 200 से अधिक संक्रमित मिले
09-Apr-2021 7:06 PM
सकरी में 4 दिनों में 200 से अधिक संक्रमित मिले

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 9 अपै्रल।
बलौदाबाजार समीपस्थ ग्राम सकरी में गुरुवार को 102 कोरोना मरीजों को मिलाकर 4 दिनों में 200 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग से लेेकर जिला प्रशासन तक हलाकान है। इधर गुरुवार को जिले में 619 लोग संक्रमित मिले हैं। इस तरह दो दिनों में ही आंकड़ा एक हजार के पार चला गया है। संकरी की सरपंच पुराईन बाई साहू ने बताया कि पूरा गांव संक्रमण की चपेट में आता जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं। अब सारा इंतजाम पंचायत कर रही है।

सरपंच ने कहा कि प्रशासन के हाथ खड़े कर देने के बाद गांव वालों की बैठक कराकर निगरानी समिति बनाई गई है, जो मरीजों के स्वास्थ्य सहित उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखेगी। सभी मरीजों को होम क्वारेंटाइन कर संक्रमित घरों को चिह्नित किया जा रहा है। जरूरत का सामान उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा। 

जिले में कोरोनाकाल का पूरे सालभर में गुरुवार सबसे ज्यादा खतरनाक दिन साबित हुआ। दिनभर में जिले में पूरे साल में एक दिन में पॉजिटिव केस आने के सारे रिकॉर्ड टूट गए। गुरुवार को 600 कोरोना पॉजिटिव मिले वहीं एक मरीज की मौत भी हो गई। बुधवार को ही एक दिन में 465 पॉजिटिव केस मिले थे। इस तरह 48 घंटे में ही 1065 मरीज मिल चुके है।  इसमें सकरी नया हॉट स्पॉट बनकर सामने आया है, जहां 102 मरीजों की पहचान तो गुरुवार को ही की गई है। इसके बाद प्रशासन ने पूरे सकरी गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के साथ ही कई प्रकार की सख्ती करने की तैयारी कर रहा है।

ज्ञात हो कि अब संक्रमण से बढ़ रहे सांस के मरीज कोरोना की दूसरी लहर के बीच सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि पहली लहर में जहां कोरोना का वायरस शुगर और कमजोर इम्युनिटी वाले उम्रदराज तथा सांस के मरीजों को गिरफ्त में लेता था मगर दूसरी लहर के कोविड इंफेक्शन 20 से 30 वर्ष के युवाओं को भी तेजी से गिरफ्त में ले रहा है। इन मरीजों को सबसे ज्यादा तकलीफ सांस लेने में हो रही है। जिले में रिकवरी रेट भी मात्र 20 प्रतिशत रह गया है।

60 फीसदी तक फेफड़े खराब होने के बाद इलाज के लिए आ रहे
कोविड जिला नोडल अधिकारी डॉ. राकेश प्रेमी का कहना है कि अभी जो मरीज आ रहे हैं, उनमें अधिकतर युवा हैं। वो अपना इलाज खुद ही कर रहे हैं या फिर झोलाछाप डॉक्टरों से करा रहे हैं। वे जब भर्ती होने आ रहे हैं। उस वक्त तक उनके फेफड़े सिर्फ 50 से 60 प्रतिशत तक खराब हो चुके होते हैं, ऐसे में उनके स्वस्थ होने में काफी समय लग रहा है। जिला कोरोना अस्पताल प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र साहू का कहना है कि संक्रमित होने वाले और मरने वालों में अधिकतर युवा ही हैं। लोगों को यह मानकर चलना चाहिए कि हर चौथा आदमी कोरोना संक्रमित है इसलिए मास्क और सोशल डिस्टेसिंग ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

सिमटम बदला मगर इलाज वही पुराना-डॉ. वर्मा
जिला अस्पताल के पैथॉलाजी स्पेशलिस्ट डॉ. अशोक वर्मा ने बताया कि सिमटम बदला है मगर इलाज वही पुराना है। पहले की अपेक्षा अभी का कोरोना वायरस ज्यादा प्रभावी है। पहले कोरोना मरीजों में सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण सामने आते थे मगर अब इन लक्षणों के साथ सांस की तकलीफ, डीहाईड्रेशन, दस्त जैसे लक्षण मरीजों में आ रहे हैं। जो मेडिसीन और इलाज हम पहले करते थे अभी भी वही कर रहे हैं, चूंकि अभी तक कोरोना की कोई दवा नहीं बनी है इसलिए जो दवा दी जा रही है। उन दवाओं की सीमाएं भी सीमित हैं। ऐसे में अगर किसी भी मरीज को इस तरह की कोई भी शिकायत है, तो उसे बिना देर किए टेस्ट कराकर इलाज शुरू कर देना चाहिए।
 

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