रायगढ़

जंगल में मिला मृत भालू, भटका हिरण गांव पहुंचा
10-Apr-2021 3:09 PM
जंगल में मिला मृत भालू,  भटका हिरण गांव पहुंचा

खरसिया-रायगढ़ वन परिक्षेत्र का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 10 अप्रैल।
गर्मी का दिन आते ही पानी व खाने की तलाश में वन्यप्राणी गांव तक पहुंच जाते हैं। कई ऐसे मामले अब तक सामने आ चुके हैं। आज खरसिया वन परिक्षेत्र के जोबी सर्किल के जंगल में एक भालू मृत हालत में मिला। जिसकी जानकारी लगने के बाद आगे की प्रक्रिया वन अमला के द्वारा की जा रही हैं, तो रायगढ़ वन परिक्षेत्र के सबसे संवेदनशील बीट कहे जाने वाले बोइरदादर के जंगल से भटकते हुए एक हिरण कोरियादादर गांव के एक घर में घुस गया। इसके बाद उसे इंदिरा विहार लाया गया। जहां स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे जंगल में छोड़े जाने की बात कही जा रही है।

 मिली जानकारी के मुताबिक खरसिया वन परिक्षेत्र के जोबी सर्किल के चीताकटरा के कक्ष क्रमांक 1129 पीएफ कापरमार में एक भालू की मौत हो गई और उसका शव जंगल में पड़ा हुआ था। चौकीदार को जब इसकी जानकारी लगी, तो उसने मामले की सूचना उसने अपने उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद वन अमला द्वारा मौके पर पहुंच कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया गया। 

बताया जा रहा है कि भालू लगभग 12 वर्ष का होगा और वह बीमार नजर आ रहा था। जिसके कारण उसकी मौत हो गई।  विभाग के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
इस संबंध में रेंजर, खरसिया वन परिक्षेत्र गोकुल प्रसाद यादव का कहना है कि  जोबी सर्किल के ग्राम चीताकटरा के कक्ष क्रमांक 1129 पीएफ कापरमार में भालू मृत हालत में मिला है। नर भालू बीमार था, उस पर पहले से निगरानी की जा रही थी। वह लगभग 12 साल का होगा।
वहीं दूसरी ओर आज बोइरदादर के जंगल से भटकते हुए एक हिरण कोरियादादर तक पहुंच गया और यहां विजय उरांव के घर में घुस गया। इसके बाद अन्य ग्रामीणों व गोपालपुर के सरपंच को इसकी जानकारी हुई, तो काफी संख्या में ग्रामीण यहां इकट्ठा हो गए। इसके बाद किसी तरह हिरण को ग्रामीणों के द्वारा बांध कर रखा गया और मामले की सूचना वन अमला को दी गई। वनकर्मी मौके पर पहुंचे और हिरण को इंदिरा विहार लेकर आए। इसके बाद डॉक्टर द्वारा इसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उसके स्वास्थ्य को देखते हुए जंगल में छोडऩे की सलाह दी गई। जिसे संबंधित कर्मचारियों के द्वारा जंगल में छोडऩे की बात कही जा रही है।

विभागीय जानकारों की अगर माने तो गर्मी में जंगलों का पानी सूखने व दावानल के कारण वन्यप्राणी इधर उधर भागते हैं और पानी की तलाश व आग की लपटों से बचने के लिए आसपास के आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। इसके बाद कुत्तों व ग्रामीणों के द्वारा शिकार की संभावना बढ़ जाती है। 

 

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