महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 10 अप्रैल। जिले के बागबाहरा विकासखंड के ग्राम परसूली में एक 17 वर्षीय नाबालिग का विवाह होने की सूचना मिलने पर वर-वधु के परिजनों को समझाइश देकर रुकवाया गया।
गांव की 17 वर्षीय नाबालिग का विवाह बिंद्रावन निवासी युवक के साथ 7 अप्रैल से तय हुआ था और 9 अप्रैल को बारात आने के बाद फेरे होने थे। इसकी जानकारी मोबाइल से महिला बाल विकास पर्यवेक्षक भावना गुप्ता को शुक्रवार सुबह मिली। उन्होंने तत्काल परियोजना अधिकारी चन्द्रहास नाग के मार्गदर्शन में अपनी टीम के साथ कोमाखान पुलिस को टीम में शामिल कर आरक्षक रीना यादव और तोषलाल को लेकर बारात आने से पूर्व विवाह को रुकवाया।
इस टीम ने कन्या पक्ष को भी समझाया कि इस तरह विवाह होने पर दोनों पक्ष और विवाह में सम्मिलित लोगों को सज़ा हो सकती है। दोनों गांवों के सरपंच-सचिव को सम्मिलित कर पंचनामा तैयार कर बालिग होने तक विवाह न करने की सहमति ली गई, साथ ही वर पक्ष को भी घर जाकर बाल विवाह पर जुर्म की सज़ा को बताया गया।
बाल विवाह रुकवाने में महिला बाल विकास विभाग के अफसर चन्द्रहास नाग, पर्यवेक्षक भावना गुप्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवती, खगेश्वरी, ईश्वरी, जानकी, राधा और जशोदा का सहयोग रहा।