रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 अप्रैल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आयुष विभाग के अंतर्गत होम्योपैथी विभाग में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रतिदिन लगभग 20 रोगी सिर्फ होम्योपैथी से इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं। इनमें जीवनशैली में परिवर्तन से संबंधित रोग सर्वाधिक है जिनका होम्योपैथी के माध्यम से बिना किसी साइड इफेक्ट के आसानी से इलाज किया जा सकता है।
होम्योपैथी के जनक डॉ. सैम्युल हैनीमेन के जन्मदिवस पर एम्स के आयुष विभाग में होम्योपैथी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। चिकित्सा अधिकारी (होम्योपैथी) डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने बताया की विभाग की स्थापना के बाद से कई गंभीर बीमारियों के रोगियों को होम्योपैथी से ठीक किया जा चुका है। अब नियमित रूप से होम्योपैथी से इलाज के लिए रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें अस्थमा और त्वचा संबंधी रोगी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड की चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है।
इस अवसर पर डॉ. सैम्युल हेनीमेन के जीवन वृत्त और होम्योपैथी के इतिहास को चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। विभाग के कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरुस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। 12 अप्रैल को होम्योपैथी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और 15 को अखिल भारतीय स्तर ‘इंटीग्रेटेड मेडिकल रिसर्च एंड एजुकेशन’ विषय पर वेबिनार आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में एम्स के उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन बोरकर और डॉ. रमेश चंद्राकर भी उपस्थित थे।