गरियाबंद

अस्पताल में अतिरिक्त बेड बढ़ाने की मांग
11-Apr-2021 10:11 PM
अस्पताल में अतिरिक्त बेड बढ़ाने की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 अपै्रल।
जिला गरियाबंद सहित पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में अनियंत्रित होते कोरोना पर नियंत्रण को लेकर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एवं अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले से मुलाकात कर आवेदन प्रस्तुत किया है। 

श्री साहू ने उक्त आवेदन के माध्यम से कहा कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले चिंताजनक है। आवश्यक पहल एवं कार्यवाही के लिए सुझाव पत्र के माध्यम से कहा कि पूरे प्रदेश में कोरोना पर अंकुश लगाने को लेकर जो तैयारी पूर्व में होनी थी वह कहीं नहीं दिख रहा है जिसके कारण स्थिति भयानक चिंताजनक बनी हुई है।  श्री साहू ने मांग की है कि अस्पतालों में बिस्तर की समस्या वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की पूर्ति तत्काल की जाना चाहिए। श्री साहू ने कहा कि सरकारी और निजी भवनों में आवश्यकता अनुसार अस्थाई अस्पताल बनाया जाए एवं हर जिले व विकासखंड स्तर पर अस्पताल बनाया जाए। प्रदेश में कोरोना उपचार के नाम पर निजी अस्पतालों में अतिरिक्त राशि ली जा रही है इसकी एक निर्धारित दर व रेट तय किए जाने की निवेदन किया। स्वास्थ्य मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही ठोस कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।

श्री साहू ने कहा कि प्रदेश की सरकार एवं शासन-प्रशासन आयुष्मान भारत योजना में अड़ंगा नहीं डालती तो आज प्रदेश का हर गरीब परिवार कोरोना के निशुल्क इलाज से लाभान्वित होता। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार ने देश प्रदेश के लोगों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई थी, जिस पर बिना सोचे समझे प्रदेश में सत्ता हासिल होते ही वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया और उन्हें अधर में लटका दिया। जिसके कारण प्रदेश के जरूरतमंद लोगों इस सुविधा से वंचित होकर ईलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं एवं परेशान हो रहे हैं। वर्तमान में पूर्व सरकार की योजना को बंद कर वर्तमान सरकार ने यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम और डॉक्टर खूबचंद बघेल योजना का चला रहे हैं, लेकिन आज भी लोगों को उस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्री साहू ने बताया कि कई ऐसे बीमारियों का नाम है, जो सूची से हटा दिया गया है। 

उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि पूर्व सरकार की महती योजना को जल्द ही चालू कर देना चाहिए। सरकार की सभी सरकारी अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, स्टॉफ  कमी को देखते हुए मरीजों को भर्ती लेने से साफ-साफ  इंकार कर रहे हैं। अधिकांश मरीज निजी अस्पताल की ओर बढ़ रहे हैं। आज प्रदेश में ऐसे बहुत ही चिंता व चिंतन का विषय बना हुआ है। इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाने के कारण प्रतिदिन मौत के आंकड़े बढ़ रही हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल बना हुआ है। प्रदेश की राजधानी रायपुर के सभी निजी एवं सरकारी अस्पताल हाउसफुल है। अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए कोई भी बेड उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण बीमार व्यक्ति के साथ उनके परिजनों को अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। 

 

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