राजनांदगांव

दस दिनों में जली 62 कोरोना चिताएं
12-Apr-2021 12:45 PM
दस दिनों में जली 62 कोरोना चिताएं

    निगम के 4 कर्मी दिन-रात जला रहे शव    
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अप्रैल।
अप्रैल का गुजरा 10 दिन कोरोना मौतों के लिहाज से भयानक साबित हो रहा है। कोरोना के तांडव से मौत की संख्या में बेतहाशा इजाफा हो रहा है। राजनांदगांव शहर के इकलौते कोरोना शमशान घाट में बीते 10 दिनों के भीतर 62  लोगों कोरोना की चिताएं जली है। शमशाम घाट की स्थिति है कि चिता जलाने के लिए 24 घंटे का समय भी कम पड़ रहा है। नगर निगम के 4 कर्मचारी इन गुजरे दिनों में ढेरों शव को मुखाग्नि दे चुके हैं। 
अप्रैल के दूसरे सप्ताह का रविवार भयानक ही दर्दनाक गुजरा है। कल रविवार को एकमुश्त 17 शवों की अंत्येष्टि करनी पड़ी। वहीं 10 दिनों के भीतर 45 लोगों को चिता में लेटाकर मुखाग्नि दी गई। अप्रैल के 10 दिन के भीतर हर दिन 6 मौतें हुई है। बताया जा रहा है कि गोकुल नगर स्थित मुक्तिधाम में शवों को जलाने के लिए लंबी कतारें भी लग रही है। 4 कर्मचारी सुबह 10 बजे से रात तक चिताओं को जलाने के काम में जुटे हुए हैं। पिछले दो-तीन दिनों के भीतर रोजाना 10 से अधिक हुई मौत के कारण चिता को ठंडा होने का भी मौका नहीं मिल रहा है। चिताओं के ठंडा होने के इंतजार में दूसरे शवों को जलाने का मौका नहीं मिलता, इसलिए शमशान घाट में बने शेड में जगह की कमी होने के कारण चिताओं को बाहर जलाया जा रहा है। 

इधर मौतों के आंकडों को लेकर स्थिति भी दयनीय है। सरकारी और निजी अस्पताल आंकड़ों को छुपा रहे हैं। गोकुलनगर शमशान घाट में न सिर्फ नांदगांव शहर के बल्कि ग्रामीण इलाकों के शवों को भी जलाया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि शमशान घाट में काफी दबाव है। 

निगम कर्मियों के ड्यूटी में आने का वक्त तय है, लेकिन दर्जनों चिता जलाए जाने के कारण उनकी घर वापसी का समय तय नहीं है। इस संबंध में  ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते निगम कर्मी आशीष यादव ने बताया कि अप्रैल के हर दिन चिताओं की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोत्तरी हो रही है। एक शव को जलाने के बाद चिता को ठंडा होने में कम से कम दो दिन का वक्त लगता है। समुचित दाहसंस्कार करने से ही शव राख में बदलती है। यहां स्थिति ऐसी है कि शवों को जलाने के लिए कतारें लगी हुई है। इस बीच  राजनांदगांव जिले में जिस तरह से कोरोना मौतें हो रही है उससे मृतकों की गिनती करना भी संभव नहीं दिख रहा है। 

बताया जा रहा है कि जिले में हालात बिगडऩे के पीछे तय समय पर जांच नहीं कराना भी है। जांच नहीं कराने से लोग अब हालात में सुधार नहीं आने के बाद लोग कोविड-19 अस्पताल में दाखिला के लिए चक्कर लगा रहे हैं। इसी दौरान कोरोना वायरस अपनी मारक क्षमता से लोगों की जान ले रहा है। राजनांदगांव के शमशान घाट की स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वैश्विक महामारी कोहराम मचा रही है। निगमकर्मी पीपी किट से लैस होकर अपने परिचत और गैर परिचित लोगों का दाह संस्कार कर रहे हैं। चिता जलाने वाले कर्मचारी भी अब कोरोना मौतों के सिलसिले को थमता देखना चाहते हैं।

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