बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 अप्रैल। कोरोना संक्रमण से पीडि़त नये मरीजों की संख्या बीते 24 घंटों में 889 से 629 रही लेकिन इस दौरान 19 लोगों की मौत हो गई, जो अब तक सर्वाधिक है। इनमें से 11 बिलासपुर जिले के मरीज तो 8 अन्य जिलों से हैं जो यहां के अस्पतालों में इलाज करा रहे थे। मृतकों में सबसे कम की उम्र 30 वर्ष और सबसे अधिक उम्र 93 वर्ष है।
कोरोना संक्रमण शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है। मस्तूरी तहसील के एरमसाही गांव में 13 नये मरीजों के मिलने के बाद यहां संक्रमितों की संख्या 125 से अधिक हो गई है। इसी इलाके के मल्हार नगर पंचायत में अब तक 140 संक्रमित मिल चुके हैं।
शहर के तालापारा, सिरगिट्टी, विनोबा नगर, राजेंद्र नगर, सरकंडा, उसलापुर, हेमू नगर, सिम्स आवासीय परिसर, नेहरू नगर, मंगला, गोंड पारा, भारतीय नगर, जूना बिलासपुर, अशोक नगर, चांटीडीह, कुदुदंड, तालापारा, सीआरपीएफ कैंप भरनी, इमली पारा, कुम्हारपारा, जरहाभाटा, करबला रोड, रेलवे परिक्षेत्र, मसानगंज, तेलीपारा, गंगानगर, राजकिशोर नगर और शांति नगर में नए मरीज मिले हैं। इस तरह से शहर का कोई भी इलाका अब संक्रमितों से अछूता नहीं रह गया है।
रतनपुर महामाया में दर्शन पर रोक
रतनपुर स्थित सिद्ध शक्तिपीठ महामाया देवी मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर आज से रोक लगा दी गई है। 13 अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्रि पर्व पर पूर्व में भक्तों को सीमित संख्या में प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया गया था लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए और जिला प्रशासन द्वारा सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का निर्देश दिए जाने के बाद इस पूरी नवरात्रि के दौरान भक्तों का प्रवेश मंदिर में वर्जित रहेगा। मंदिर में प्रतिदिन पुजारियों द्वारा पूजा पाठ, आरती और भोग तथा ज्योति की पूजा की जाएगी, जिसका ऑनलाइन यूट्यूब चैनल और दूसरे सोशल मीडिया पर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक प्रसारण किया जाएगा। जिन श्रद्धालुओं ने ज्योति कलश की राशि जमा की है उन्हें उनके कलश का दर्शन भी ऑनलाइन दिखाया जाएगा। जिले के अन्य देवी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद किया गया है। इनमें जिनमें नगोई, तिफरा, जरहाभाटा काली मंदिर, बघवा मंदिर सरकंडा आदि शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि चैत्र नववर्ष पर अन्य उत्सव भी होते हैं। इन्हें लॉकडाउन के चलते स्थगित कर दिया गया है। आंध्र समाज का उगादी पर्व, महाराष्ट्रीयन गुड़ी पड़वा, व सिंधी समाज चेटीचंड उत्सव का सार्वजनिक आयोजन स्थगित कर दिया गया है। मंदिरों एवं सामाजिक भवनों में सीमित उपस्थिति के साथ पूजन पाठ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
कोरोना संक्रमित रोज सैकड़ों मरीजों के सामने आने के कारण इलाज की व्यवस्था चरमरा गई है। जिले के 16 निजी अस्पतालों में 635 बेड हैं, जिनमें से कोई खाली नहीं है। सरकारी अस्पताल में 275 बेड हैं जिनमें से सिर्फ 18 खाली हैं। नए मरीजों की भर्ती के लिए किसी भी अस्पताल में जगह नहीं है। नई व्यवस्था करने में भी विलंब हो रहा है। स्थिति यह है कि गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोग तो परेशान है ही संपन्न परिवारों के लोग भी जो किसी भी हद तक खर्च करने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें बिस्तर मिल नहीं रहा है। संक्रमण की यही गति रही तो दो चार दिन में हालत पूरी तरह बेकाबू हो जायेंगे। जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर संभागीय कोविड अस्पताल में अतिरिक्त 120 बेड की व्यवस्था करने की बात कही है।
वैक्सीनेशन ने गति पकड़ी
इधर टीकाकरण की गति भी वैक्सीन की नियमित आपूर्ति के चलते बनी हुई है। जिले के 156 कोविड टीकाकरण केंद्रों में 13 हजार 137 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। हालांकि यह लक्ष्य 22500 से कम था। वैक्सीन लगवाने वालों में 12 हजार 880 ने पहली तथा 257 ने दूसरी डोज लगवाई। फ्रंटलाइन वारियर्स में 28 ने दूसरी डोज तथा एक ने पहली डोज लगवाई। 45 साल से 60 साल के भीतर उम्र के 9 हजार 56 लोगों ने पहली तथा 72 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई। 60 वर्ष से अधिक उम्र के 3793 बुजुर्गों ने पहली और 135 ने दूसरी डोज लगवाई। सोमवार को फिर वैक्सीन की नई खेप फिर आ रही है।