सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 13 अप्रैल। चैत्र नवरात्र के अवसर पर अम्बिकापुर नगर के सभी देवी मंदिरों में आस्था के दीप प्रज्वलित किए गए। कोरोना महामारी के चलते हुए लॉक डाउन के कारण भक्त मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं कर पाए।घरों में ही श्रद्धालुओं ने शक्ति की भक्ति किए। शासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर सख्ती बढ़ा दी गई थी। लॉकडाउन के चलते मंदिर पूरी तरह से बंद थे।
नवरात के पहले दिन से ही लॉकडाउन भी शुरु हो गया है।इस वर्ष भी जिला प्रशासन के जारी आदेश के अनुसार धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।सूरजपुर जिले के मां कुदरगढ़ी मंदिर में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यहां माता के ऑनलाइन लाइव दर्शन श्रद्धालुओं ने किया।गौरतलब है कि नवरात्रि के समय में मंदिर में श्रद्धालुओं का भीड़ उमड़ पड़ता था,लेकिन पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण चैत्र नवरात्र में श्रद्धालुओं को मंदिर आने की अनुमति नहीं है।मंदिरो में पुजारियों व समिति के द्वारा पूजा अर्चना की जा रही है।नवरात्र के पहले दिन मंदिर समिति द्वारा ही मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। शहर के महामाया मंदिर, दुर्गा मंदिर व समलाया मंदिर, वन देवी मंदिर,काली मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए।
इस वर्ष ज्योति कलश की संख्या पहले की तुलना में
घट गई है।महामाया मंदिर व दुर्गा मंदिर में ज्योति कलश की संख्या में कमी आई है। इस वर्ष महामाया मंदिर में घृत कलश के लिए 1400 श्रद्धालुओं ने पर्ची कटाई है। वहीं तेल के 2000 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। जबकि पिछले वर्ष के कोरोना काल में घी के 2200 व तेल के 2300 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए थे। वहीं दुर्गा मंदिर में भी ज्योति कलश की संख्या कम हो गई है। यहां घी के 260 व तेल के 700 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित होंगे।