महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 14 अपै्रल। नगर से मात्र चार किलोमीटर दूर ग्राम टेका पहाड़ी के पास फोर लेन पार कर रहे तेंदुए के जोड़े में से नर तेंदुआ अज्ञात ट्रक की चपेट में आकर मारा गया। बहरहाल वन विभाग को सूचना मिलते ही स्वयम वन एसडीओ घटना स्थल पहुचे और बुधवार की सुबह मृत तेंदुआ का पोस्टमार्टम के बाद उसे काष्ठागार में ही जला दिया गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग 53 में नगर के समीप टेका ग्राम के पास से निकले फिरलेंन के दोनों ओर पहाड़ी होने के कारण अक्सर यहां से वन्य प्राणियों को सडक़ पार कर ही एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी की ओर जाना पड़ता है कल मंगलवार की रात कोई 8 बजे देबपुर वन क्षेत्र से कौडिय़ा की पहाड़ी की ओर जाने के लिए तेन्दुआ का एक नर मादा जोड़ा सडक़ पार कर रहा था, परन्तु तेज रफ्तार एक अज्ञात ट्रक ने उसे ठोकर मार दी। जिससे नर तेंदुआ के जबड़ा टूट गया और पेट की आंत बाहर निकल आयी थी।
इस घटना की सूचना के बाद वन एसडीओयू आर बसन्त एवं रेंजर एस आर निराला दल बल के साथ घटना स्थल पहुच गए। वन अधिकारियों ने मृत तेंदुआ को रात में ही पंचनामा के बाद उसे काष्ठगार ले जाया गया। आज बुधवार की सुबह पशु चिकित्सको की टीम में शामिल डॉ.डी एन पटेल, डॉ. डी के अग्रवाल एवं डॉ. एस पी चौधरी द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद वन विभाग के उच्च अधिकारियों के समक्ष तेंदुआ को जलाया गया। तेंदुआ की उम्र 4 साल बताई गई है।
पूर्व में भी होती रही है दुर्घटनाएं
ज्ञात हो कि टेका ग्राम के समीप का उक्त घटनास्थल दो पहाडिय़ों एवं जंगलों के बीच से जाता है। लिहाजा अक्सर हिंसक एवम अन्य वन्य प्राणीयों को एक जंगल पहाड़ी से दूसरी जंगल पहाड़ी में जाने के लिए उक्त सडक़ को पार करना ही पड़ता है। इस मार्ग पर इसके पूर्व भी एक तेंदुआ और एक भालू भी ट्रक के पहियों से दब कर मारा जा चुका है।
तेंदुआ,भालू जंगली सुअर आदि अक्सर इस मार्ग दिखाई दे जाते है। वही अब लगातार हाथियों को भी इसी स्थान पर एनएच53 पार करते देखा जाता है। जानकारों के अनुसार वन्य प्राणी अक्सर गर्मी के दिनों में जब जंगल मे पानी के स्त्रोत सुख जाते है एवं पेड़-पौधे भी सुख जाते है। तब भोजन पानी की तलाश में एक जंगल से दूसरे जंगल की ओर पलायन करते है। इसमें कभी कभी इन्हें हादसों का शिकार भी होना पड़ता है।