बस्तर
जगदलपुर, 16 अप्रैल। तीन अप्रैल को जगदलपुर केंद्रीय जेल में सजा काट रहे मुरलीधर कश्यप के मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में आकस्मिक मौत को लेकर बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के नेता नवनीत चांद ने मृतक के परिजनों के साथ कलेक्टर से मुलाकात कर इस विषय पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
कलेक्टर को सौंपे आवेदन में परिजनों ने कहा है कि मृतक के अत्यधिक तबीयत खराब होने के बाद भी घर के किसी सदस्य को जानकारी नहीं दी गई। जहां उसे भर्ती कराया गया, उस मेडिकल कॉलेज में भी किसी को नहीं बुलाया गया। परिजनों ने कहा है कि जेल अधीक्षक का कहना है वह मानसिक रूप से बीमार था इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई थी।
नवनीत चांद का कहना है कि 3 अप्रैल को मौत के बाद 4 अप्रैल को सूचना देकर बुलाया गया और बच्चे से साइन आदि के बाद पीएम करवाया गया। नवनीत ने आगे कहा है कि मृतक की तबीयत कब खराब हुई परिवार के लोगों को जानकारी नहीं दी गई, जबकि ऐसा होने पर परिजनों को या मानवाधिकार को जानकारी दी जाती है, पर ऐसा कुछ हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि न्याय की गुहार लिए परिजनों के साथ हम खड़े हैं, इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच होनी चाहिए।