कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर 18 अप्रैल। कोरिया जिला भाजपा संगठन में नाम नहीं भेजे जाने के बाद भी भाजयूमो के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर मचे बवाल के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने नियुक्ति को स्थगित कर दी, वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष और नव नियुक्त महामंत्री द्वारा गठित कार्यकारिणी को भी स्थगित करने का निर्णय लिया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल ने सोशल मीडिया में वीडियो संदेश जारी कर मामले की जानकारी दी। अपने वीडियों संदेश में जिला अध्यक्ष जायसवाल ने बताया कि उन्हें कुछ देर पहले मेल पर प्रदेश भाजपा के मुखिया विष्णु देव साय ने पत्र लिखकर अवगत कराया है कि भाजयूमो जिला अध्यक्ष और महामंत्री की नियुक्ति को स्थगित कर दिया गया है, साथ में गठित की गई कार्यकारिणी को भी स्थगित किया जाता है।
दरअसल, इस पूरे बवाल के पीछे कोरिया जिला भाजपा संगठन के द्वारा भाजयुमो के जिला अध्यक्ष के नाम प्रदेश संगठन को नहीं भेजे जाने के बाद नियुक्ति करने से शुरू हुआ। जिसके बाद हर मोर्चा प्रकोष्ठ की कार्यकारिणी का गठन करने वाले भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल ने नव नियुक्त महामंत्री शारदा प्रसाद गुप्ता से नई कार्यकारिणी का गठन कर डाला, कार्यकारिणी में सभी मंडल अध्यक्षों से नामों की सहमति ली गई थी। इधर, कार्यकारिणी के गठन नव नियुक्त भाजयूमो जिला अध्यक्ष अंचल राजवाडे ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और उनके बगैर अनुमति के गठित कार्यकारिणी को अमान्य और अवैध करार दिया, दूसरे दिन भाजपा जिला अध्यक्ष ने जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी को भाजयूमो प्रभारी नियुक्त कर दिया। जिसके बाद तय था बवाल और मचेगा। हुआ भी वहीं, 15 मार्च को भाजूयमो के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने पत्र जारी कर कार्यकारिणी को अवैध करार दे दिया।
जबकि जिला संगठन में उन्हें किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना था। पत्र जारी होते ही बात रायपुर पहुंच गई। कोरिया भाजपा संगठन ने अमित साहू के पत्र पर घोर आपत्ति दर्ज कराई। फिर संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की मंत्रणा के बाद कोरिया जिले की दोनों नियुक्ति जिला अध्यक्ष और महामंत्री को स्थगित कर दिया गया और पत्र मेल के जरीए भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल को भेजा गया।
हड़बड़ी में लिया निर्णय
बीते 2 दिनों से भाजपा की भाजयूमों की लडाई मीडिया की सुर्खिया बन चुकी थी, ज्यादातर लोग इस मामले में जिला अध्यक्ष के फैसले का हड़बड़ाहट में लिए फैसले को लेकर चर्चा कर रहे थे, जबकि उक्त नियुक्ति से कोरिया जिला भाजपा संगठन को करारी चोट पहुंची थी, क्योंकि संगठन ने भाजूयमों के अध्यक्ष पद पर जिसकी नियुक्ति की गई उनका नाम ही नहीं भेजा था, जिसके बाद सीधे रायपुर से नियुक्ति कर दी गई। वहीं संगठन के भेजे पैनल से एक नाम को महामंत्री की नियुक्ति कर दी।
पहली बार पूर्व मंत्री के सामने संगठन
भाजपा के 15 वर्ष के कार्यकाल में बीते 10 साल के पूर्व मंत्री के कार्यकाल में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है जब संगठन के लगभग पदाधिकारी उनके खिलाफ मुखर होकर सामने आ खड़े हुए है बल्कि उनका विरोध प्रदेश संगठन से लेकर केन्द्र के संगठन तक कर रहे है। जबकि पूर्व में उनके आदेश के बिना भाजपा में एक पत्ता नहीं हिला करता था। सर्वविदित है कि हर नियुक्ति से लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में बिना सहमति कुछ भी आगे नहीं बढ़ पाता था। 10 साल संगठन का कार्यकर्ता पूरी तरह हासिए पर था। परन्तु अब ऐसा नहीं हो रहा है।
इस समय संगठन के लगभग कार्यकर्ता पूरे जोश में दिख रहे है। भाजयूमो की नियुक्ति को लेकर पूर्व मंत्री जोर आजमाईश किसी से छिपी नहीं है और वो सफल भी हुए थे, परन्तु कोरिया जिला भाजपा संगठन ने अपनी शक्तियों के सहारे ना सिर्फ कार्यकारिणी जारी कर दी बल्कि भाजयूमो प्रभारी बनाकर मामले को उलझा दिया, जिसके बाद दोनों नियुक्ति स्थगित हो गई।
गुटबाजी तो पूर्व से ही थी
भाजपा के इस निर्णय से मीडिया के जानकारों का कहना है कि इससे भाजपा मे गुटबाजी हो गई, इससे भाजपा बंट जाएगी। तो भाजपा के कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि इसके पूर्व में भाजपा में गुटबाजी ही थी, पर अब नहीं है, पहले संगठन का खेमा और सत्ताधारियो को अलग गुट होता ही था, जो किसी से छुपा नहीं है। जिसके कारण सत्ता का लाभ ले चुके परेशान है। उनका कहना है कि भाजपा में संगठन सर्वोपरि होता है, जो अब दिख रहा है।