धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 18 अपै्रल। स्टायफण्ड,बीमा,भोजन,परीक्षा जैसी चीजों का अभाव का हवाला देकर जिला अस्पताल परिसर में संचालित जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर के अंतिम वर्ष की छात्राओं ने घर लौटने का मन बना लिया। बिस्तर पैक करके तैयार हो गई। पालक उन्हें लेने भी पहुंच गए।
जिला अस्पताल के जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में धमतरी जिले के अलावा रायपुर, कांकेर, जगदलपुर, बालोद सहित अन्य जिलों की 30 छात्राएं अंतिम वर्ष में अध्ययनरत थी। इनका प्रशिक्षण नवंबर 2020 में समाप्त हो गया है।इतने दिन बीत जाने के बाद भी परीक्षाएं नहीं हुई ।
वर्तमान में कोरोना को देखते हुए सभी प्रशिक्षु नर्सों की ड्यूटी अस्पतालों में लगाई गई है, जिससे उन्हें खतरे का अहसास है। विभिन्न जिलों से पहुंचे पालकों ने बताया कि उनकी बेटियों का प्रशिक्षण नवंबर में खत्म हो चुका है, लेकिन अब तक परीक्षा नहीं लिया गया है। खाने के लिए शुल्क देना पड़ता है। इतने संक्रमण में भी अस्पताल में ड्यूटी लगाई जाती है, तो उनके बेटियों का बीमा कराया जाना चाहिए। स्टायफण्ड भी नहीं मिल रहा है। इन्हीं सब बातों को देखते हुए अपनी बेटियों को लेने पहुंचे हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डीके तुर्रे ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार एपिडेमिक एक्ट के तहत नसों की ड्यूटी अस्पतालों में लगाई जा रही है। रहने की सुविधा है। परीक्षा का शासन स्तर पर लिया जाएगा। भोजन के लिए इस योजना के तहत कोई फंड नहीं है। बीमा के लिए पात्र हैं तो जरूर होगा। यदि वे यहां से जाती हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।