महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 अप्रैल। कोरोना संकट को देखते हुए जिले में कस्टम मिलिंग का कार्य प्रभावित हो गया है। अधिकांश राइस मिलों में मजदूरों की संख्या घट गई है। मजदूरों के अभाव में मिलिंग में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा एफसीआई में चावल रखने की जगह नहीं होने के कारण भी मिलिंग प्रभावित हो रहा है। लोडिंग गाडियां चार से पांच दिन तक एफसीआई में ही अनलोड के लिए खड़ी है। खाद्य अधिकारी नितिन द्ववेदी ने बताया कि मिलिंग के लिए शत प्रतिशत डीओ जारी कर दिया गया है। मिलिंग का काम चल रहा है। सितंबर माह तक चावल जमा किया जाना है। नान में 85 प्रतिशत तक चावल जमा हो चुका है। एफसीआई में अरवा 66 प्रतिशत व उसना चावल 56 प्रतिशत तक जमा हो गया है। शेष कार्य प्रगति पर है। सितंबर तक मिलिंग का काम पूरा जो जाएगा। गौरतलब है कि जिले में इस साल 75 लाख च्ंिटल धान की खरीदी हुई थी। कोरोना संकेट को देखते हुए राज्य सरकार ने खरीदे गए शत प्रतिशत धान का कस्टम मिलिंग के निर्देश दिए हैं लेकिन डीओ कटने के बाद भी कस्टम मिलिंग का काम धीमी गति से चल रहा है।
मिलर्स एसोसिएशन संघ के जिलाध्यक्ष पारस चोपड़ा ने बताया कि धान उठाव के लिए राज्य सरकार ने डीओ तो जारी कर दिया है, लेकिन एफसीआई में चावल रखने की जगह नहीं है। जिसके कारण मिलिंग प्रभावित हो रहा है। उसना चावल मिलिंग में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चार से पांच दिन हो गए है लोड होकर ट्रकें एफसीआई के अंदर व बाहर खड़े हैं, लेकिन खाली नहीं हो रहा है। यदि गए हुए ट्रक वापस नहीं आएंगे तो, मिलिंग का चावल फिर एफसीआई कैसे भेजेंगे। एक लाख 66 मिट्कि टन चावल नान में जमा करना है। अभी तक 85 हजार 455 मिट्रिक टन चावल जमा हुआ है। इसी प्रकार एफसीआई में अरवा 66983 मिट्रिक टन चावल जमा करना है, इसमें अभी तक 64 प्रतिशत ही चावल जमा हो पाया है। उसना चावल एक लाख 63200 मिट्रिक टन जमा करने का लक्ष्य है।