रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अप्रैल। प्रदेश के अस्पतालों में अभी भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी किल्लत है। हाल यह है कि लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन 15-15 हजार रूपए तक लेने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में कंपनी से सप्लाई शुरू हो जाएगी, इसके बाद सरकारी अस्पतालों में काफी हद तक कमी को पूरा किया जा सकेगा।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की पहली खेप 22 तारीख को आने वाली है। स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर पहले ही उपलब्ध हो जाए, इसकी कोशिश में जुटे हुए हैं। कुछ सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को कुछ इंजेक्शन आ सकते हैं।
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बहुत ज्यादा है। इसकी कालाबाजारी भी हो रही है। यह इंजेक्शन 15 हजार रूपए तक मिल रहा है। राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष विरेन्द्र पाण्डेय ने अपने एक बयान में आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन खुद रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को बढ़ावा दे रहा है।
पाण्डेय ने बताया कि दुर्ग में दो चिकित्सकों को पुलिस ने कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया, बाद में उनके खिलाफ किसी तरह का कोई प्रकरण दर्ज किए बिना छोड़ दिया गया। जबकि रायपुर में इस तरह के मामले पर गिरफ्तारी भी हुई। उन्होंने दुर्ग पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए।
दूसरी तरफ, निजी अस्पतालों में इसकी किल्लत देखी जा रही है। मरीज के परिजन इंजेक्शन के लिए मेडिकल कॉम्पलेक्स में भीड़ देखी गई। अगले कुछ दिनों तक किल्लत बरकरार रहने के आशंका जताई जा रही है।