महासमुन्द
कोरोना से मौत, जिम्मेदारी पर उठने लगे सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 19 अप्रैल। जिले के झलप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शिक्षक लव शुक्ला की ड्यूटी लगाई गई और ड्यूटी के बाद वे कोरोना संक्रमित हो गए। जिनकी कल रविवार शाम को मौत हो गई। शिक्षक कीइस तरह मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एक शिक्षक ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए कहा है कि सरकारी तंत्र की भेट चढ़ गया शिक्षा जगत का अनमोल सितार, कहीं दूर चला गया हमसे, जाते-जाते एक संदेश दे गया कि कोई भी परिस्थिति हो नौकरी तो करनी है। चाहे वो सरकारी अस्पताल हो जहां कोरोना की जांच भी हो रही हो और वहीं कोरोना का इलाज भी हो रहा हो। मालूम हो कि 3 अप्रैल 2021 से सरकारी अस्पताल झलप में शिक्षक लव शुक्ला की ड्यूटी लगी थी वहीं से वे कोरोना संक्रमित हुए। उनकी मौत के बाद शिक्षक वर्ग सवाल खड़ाकर रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी इस बात का जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कोविड प्रोटोकॉल सुरक्षा संसाधन शिक्षकों को नहीं दिए गए हैं। फ्रंटलाइन वारियर्स की श्रेणी में रखे बिना शिक्षकों की ड्यूटी राजस्व अमले ने कोरोना संक्रमण से मृत रोगियों के शव को लाने ले जाने, कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के बीच जाकर ट्रेसिंग करने, संक्रमण का माध्यम मोहल्ला क्लास चलाने जैसे कार्यों में लगाई है। शिक्षक संघ ने दो दिन पहले ही इसे अव्यवारिक आदेश बताते हुए विरोध किया था। संध ने तत्काल इस पर रोक लगाते हुए इन आदेशों के परिपालन में कोरोना संक्रमित होकर अपनी जान गवां चुके दिवंगत शिक्षकों के परिवार को फ्रंट लाइन वारियर्स को दी जाने वाली 50 लाख की बीमा राशि और उनके घर के आश्रित को शासकीय नौकरी देने की मांग की है। संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने का कड़ा प्रतिकार करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमित रोगियों के लाशों के परिवहन जैसे कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर शिक्षक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। ऐसे तुगलकी और अव्यवहारिक आदेशों को शीघ्र वापस लिए जाए अन्यथा प्रदेश के समस्त शिक्षक इस जैसे अव्यवहारिक आदेशों का सामूहिक बहिष्कार करने को बाध्य होगा।