राजनांदगांव
राजनांदगांव, 19 अप्रैल। शहर में बिक रहे रेमडीसीवीर इंजेक्शन पर प्रश्न चिन्ह लगाते सर्वजनहित समिति अध्यक्ष अशोक फडऩवीस ने कहा कि जरूरतमंद लोग 12-12 घंटे लाइन में लगे रहते हैं। कई लोगों से इस आपदा का भरपूर फायदा उठाकर अधिक दर पर बेच रहे हैं। पीडि़त पक्षों की शिकायत आ रही है। इस समय तो कई अपनी जानमाल की परवाह किए बिना सेवा दे रहे। कई तन-मन-धन तक लगा रहे और इसी में से कुछ तंत्र रुपए बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। प्रिंट दर से अधिक राशि ले रहे हैं। वे समझ ले अपने आपको इस कृत्य से पृथक कर ले नहीं तो भविष्य में इसके दुष्परिणाम के लिए तैयार रहे।
उन्होंने कहा कि इसका होल सेल रेट 1500 रुपए चिल्लर में बिक्री जो सूचना मिली है। होल सेल वाला 100 रुपए ले रहे। जीएसटी के साथ 1800 रुपए तक बिकना चाहिए, किन्तु कुछ जिम्मेदार लोग कितने में बेच रहे हैं, लेने वाले जान रहे है। कुछ लोग मिलीभगत करके इस आपदा की घड़ी में व्यवसाय कर रहे, उन्हें शर्म आनी चाहिए। अपना रवैया बदल दे अन्यथा आगे की जिम्मेवारी के लिए तैयार रहे। जिला प्रशासन अन्य मेडिकल स्टोर को भी अधिकृत करें या फिर जिला अस्पताल को भी चयन करें।
शासन की गाईड लाइन के अनुसार भर्ती मरीज को ही देना है। रेमडेसिविर इंजेक्शन उसे ही देना जो अस्पताल में भर्ती हुए हैं और वहां के डॉक्टर की अनुशंसा की आवश्यकता होती है। अभी तक जितने जरूरतंदमंद मरीज होंगे, उससे कहीं अधिक इंजेक्सन खपा चुके हैं, इसकी जांच कराने की मांग की जाएगी, क्योंकि आज भी लंबी लाइन लगी रहती है।
श्री फडऩवीस ने कहा कि होम आइसोलेशन मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगना है, केवल अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीज को लगना है फिर भी किल्लत इतनी क्यों? कोविड अस्पतालों से मरीजों की सूची ली जानी चाहिए। कोई भी एमबीएस डॉक्टर से लिखवा लिया जाता है, लोग स्टोर भी कर लेते हैं। कई इसका फायदा उठाकर मिलीभगत कर अधिक रुपए में बेच देते हैं। जरूरतमंद 12 घंटे लाइन में खड़ा रहता है। उनसे कहा जाता आप अपने दस्तावेज व मोबाइल नंबर नोट करा दो, आपको बुला लेंगे, जब लाइन में खड़े होने के बाद भी इंजेक्शन नहीं देते हैं, कह दिया जाता है फोन कर बुला लेंगे। समझ जाए यही से होता है गोरखधंधा।