रायगढ़
कोरोना काल में भी मजदूरों को मिल रहा मनरेगा में काम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 20 अपै्रल। वर्तमान में वैश्विक महामारी (कोविड-19) के कारण रोजगार में भारी कमी आई है परन्तु रायगढ़ जिला अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत मजदूर जो महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत पंजीकृत है। उन्हें पर्याप्त मात्रा में आवश्यकतानुसार कार्य उपलब्ध कराए जा रहें है। जिले के समस्त 09 विकासखण्डों के 713 ग्राम पंचायतों में 3434 कार्यों में 74968 मजदूर कार्यरत है। प्रदेश में रोजगार देने के मामले में रायगढ़ जिला दूसरे स्थान पर है। मजदूरों को 193 रूपए प्रति दिवस के दर से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजनांतर्गत स्वीकृत समस्त कार्यों को खोल दिया गया है। जिला पंचायत रायगढ़ जिले में एक लाख मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबध्द है। अधिक से अधिक मजदूरों को योजनान्तर्गत रोजगार उपलब्ध कराने से ग्रामीण क्षेत्रों में वैश्विक महामारी काल में लाभ मिल रहा है। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का भी पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
मनरेगा के तहत लिए जाने वाले कार्यों नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण कार्य, भूमि सुधार कार्य, डबरी निर्माण कार्य, कुंआ निर्माण कार्य, मिट्टी सडक़ निर्माण कार्य, गाय, मुर्गी एवं बकरी कोठा निर्माण कार्य जो मनरेगा के तहत स्वीकृति योग्य है उन समस्त कार्यों को अधिकतर मात्रा में स्वीकृत की गई है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के आधार पर पर्याप्त कार्य उपलब्ध है। जिले में प्रतिदिन लेबर संख्या बढ़ रही है जिसमें विकासखण्ड बरमकेला में 12469, धरमजयगढ़ में 8584, घरघोड़ा में 5709, खरसिया में 8413, लैलूंगा में 8544, पुसौर में 7537, रायगढ़ में 5053, सारंगढ़ में 13266, तमनार में 3844 मजदूर कार्यरत है।
विकासखण्ड बरमकेला में 325, घरमजयगढ़ 617, घरघोड़ा में 487, खरसिया में 380, लैलूंगा में 465, पुसौर में 408, रायगढ़ में 307, सारंगढ़ में 402, तमनार में 3020 कार्य प्रगतिरत है।