धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 20 अपै्रल। पिछले एक साल से इस मनहूस कोरोना महामारी ने सभी को परेशान कर रखा है, जमा-पूंजी खर्च करके भी लोग बेमौत मर रहे हैं। डर और पाबंदियों के बीच जीने का मजा ही नहीं रहा, इन हालात के लिए आखिर किसे दोष दें। समझ से परे है। अरमान था कि जीते जी बेटी बेटे का ब्याह धुमधाम से करें पर लॉकडाउन के चलते यह भी मुश्किल हो गया है। उक्त बातें उन माता-पिता ने कही जो अपने बच्चों का रिश्ता तय कर शादी का कार्ड बांट चुके हैं, ऐसे में अचानक हुई तालाबंदी से वे समझ नहीं पा रहे हैं कि अब करें क्या ?
गौरतलब हो कि हिन्दू समाज में अधिकांश शादी गर्मी के दिनों में ही होती है, खासकर चैत्र रामनवमीं के शुभ मुहूर्त में एक ही दिन कई लग्न होते हैं । इस बार भी इस तिथि में दर्जनों विवाह तय किए गए हैं, पर लॉकडाउन और कोविड गाईड लाईन के चलते लोगों की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई।
करीब चार महीने पहले अपने बेटे की सगाई कर अप्रेल में शादी तय कर बस, बाजा, टेंट, गहने कपड़े आदि तैयारी पूरी कर रिस्तेदारो को निमंत्रण पत्र भेज चुके सिहाद वाले गंगा भान साहू का कहना है कि इस कोरोनावायरस ने सब गुड़ गोबर कर दिया, अब न बाजा बजेगा और न बारात सजेगी, प्रशासन ने शादी के लिए पहले पचास लोगों की अनुमति दी थी जिसे घटा कर अब दस कर दिया गया है। रिस्तेदारो के नहीं आने से शादी में होने वाले नेंग रश्म भी पूरे नहीं हो रहे हैं।
ग्राम कोडेबोड में दुल्हा बने कमल और मिथलेश साहू ने बताया कि कुछ महीनों पहले किसे पता था कि ऐसे दिन आएंगे, एक की होती तो टाल भी देते लेकिन घर में तीन का विवाह हो रहा है, अब जैसे तैसे रश्म अदायगी कर काम चलाना है। अभनपुर के मोरध्वज धुंध कहते हैं कि अप्रैल में छोटे भाई का विवाह तय किया था, लेकिन तालाबंदी हो गई ऐसे में कोई काम ठीक से नहीं होने के कारण शादी टाल दी गई है ।
सिलौटी भखारा के यशवंत गंजीर भी दुखी हैं कोरोना से, अपनी शादी के लिए बड़े अरमान संजोए थे, लेकिन अब बाजा बारात, गाड़ी घोड़ी, नाच गाना, दोस्त यार कुछ भी नहीं होने से शादी का मतलब ही बदल गया। बगौद के घनश्याम सार्वा ने कहा कि आपदा में अवसर की तरह देखें तो ऐसी शादी में कोई बुराई नहीं है । अनावश्यक भीड़ भाड़ और फिजूलखर्ची के बैगर भी विवाह किया जा सकता है, मिडिल क्लास वाले इस मौके को अवसर की तरह देखें ।
सर्व सेन समाज के जिलाध्यक्ष धनसिंह सेन ने माना कि इस महामारी के चलते पिछले साल भी कई विवाह टालें गये थे इस बार भी वही स्थिति है योग्य वर वधू का लग्न समय पर हो जाए यही अच्छा है। कोविड नियमों का पालन करते हुए शादी करने में कोई बुराई नहीं है । इस बारे में शादी कराने वाले पंडित ईश्वर पांडे का कहना है कि जब सब काम हो रहे हैं तो शादी होने में क्या दिक्कत है, गाइड लाइन का पालन करके विवाह संपन्न कराया जा सकता है।