महासमुन्द
10 साल के बच्चे ने दी मुखाग्नि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 अप्रैल। महासमुंद जिले में कोरोना से 24 घंटे के भीतर पिता-पुत्र की मौत हो गई। पुत्र की चिता की अग्नि शांत नहीं हो पाई थी और पिता भी चल बसे।
एक छोटे से दवाखाने में लोगों का उपचार करने वाले बीएमएस डॉ. टोमन कुंभकार (38) बीते सप्ताह भर से होम आइसोलेट थे। उनके साथ भलेसर मार्ग के घर के अलग कमरे में पिता रेखराम कुंभकार (57) भी आइसोलेट थे। बीते रविवार दोपहर टोमन की तबीयत बिगड़ी। शरीर में ऑक्सीजन कम हुआ तो उसने पत्नी को बताया। पत्नी उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल कराई। जहां सोमवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली।
अस्पताल से खबर आई तो पत्नी और 10 वर्षीय पुत्र राम अस्पताल पहुंचे। यहीं से मुक्तिधाम ले जाकर टोमन का सोमवार शाम अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना को अभी 24 घंटे भी नहीं बीता था कि पिता रेखराम मंगलवार की सुबह चक्कर खाकर गिर पड़े।
संजीवनी 108 ने उन्हें जिला अस्पताल दाखिल कराया। दोपहर निधन की खबर आई। राम ने अपने दादा को भी मंगलवार शाम मुक्तिधाम में मुखाग्नि दी। अब घर पर रेखराम की पत्नी, बहू और दो पोते राम और वेदांत हैं।
मोहल्ले के भाजपा नेता गोपी कन्नौजे ने बताया कि डॉ. टोमन अच्छे चिकित्सक थे। सामान्य रोग का उपचार कुशलता से करते, गरीबों के लिए वे मसीहा की तरह थे। घर में दो दिन में दो लोगों की मौत सेो परिवार के लोग सदमे में हैं। विकट स्थिति है कि शोकग्रस्त परिवार को ढांढस बंधाने भी कोई शामिल नहीं हो पा रहा है। डॉ. टोमन के पिता गरियाबंद जिले में कृषि विभाग में बतौर लिपिक पदस्थ थे।