बलौदा बाजार

बलौदाबाजार में अब तक कोरोना से 228 मौतें, 8673 एक्टिव
22-Apr-2021 6:56 PM
बलौदाबाजार में अब तक कोरोना से 228 मौतें,  8673 एक्टिव

पॉजिटिव की संख्या बढऩे के साथ अब मौतों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 22 अप्रैल। 
जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे के साथ अब मौतों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। अब एक दिन में औसतन दो से भी अधिक मौतें हो रही है। पहली लहर के 12 महीने में 10440 कोरोना संक्रमित मिले थे, वहीं दूसरी लहर के 21 दिनों में ही कोरोना के 11406 मरीज मिले हैं। कोरोना की पहली लहर में सालभर में 168 कोरोना पॉजिटिव की मौत हुई थी, कोरोना पीक सिंतबर में आया था, तब माहभर में सर्वाधिक 42 मौतें हुई थीं, जबकि दूसरी लहर में अप्रैल के बीते 21 दिनों में ही 60 मरीजों की मौत हो चुकी है।

डरने की वजह यह भी है कि इन 60 मौतों में 46 मौतें सिर्फ पिछले 7 दिनों में ही हुई है, जबकि कई मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। जिले में पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत 20 जुलाई को हुई थी। कोरोना संक्रमण के सालभर में 31 मार्च 2021 तक कुल 168 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई थी। इस साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह से फिर से मरीजों की संख्या बढऩे लगी। 31 मार्च तक जहां कुल संक्रमितों की संख्या 10,440 थी और जिले में मात्र 411 ही सक्रिय मरीज बचे थे। वही अब 21 दिनों में ही 11406 मरीज मिले हैं। अब तक कुल संक्रमित 21846 मिल चुके हैं। अभी सक्रिय मरीजों की संख्या 8673 है। जिले में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए 11 अप्रैल से एक बार फिर जिले में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके बाद भी मरीजों की संख्या व मौत के आंकड़े थम नहीं रहे हैं।

बुधवार को 604 नए मरीज मिले, 11 मौतें
जिले में बुधवार को कोरोना के 604 नए मरीजों की पहचान की गई है, वहीं 11 मरीजों की मौत भी दर्ज की गई है,  345 लोगों को छुट्टी भी दे दी गई। बुधवार को हुई 11 मौत को मिलाकर जिले में कोरोना से मौत की संख्या 228 पहुंच गई है। वहीं सक्रिय मरीजों की संख्या 8673 हो गई है, जिनका होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटरों में इलाज चल रहा है। जिले में अब कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढक़र 21846 तक पहुंच गई है। कुल 12945 मरीज अब तक स्वस्थ चुके हैं।

फेफड़ों में छुप रहा वायरस इसलिए नाक, गले से लिए सैंपल निगेटिव, सीटी स्कैन में पॉजिटिव
जिले में हर दिन कोरोना लहर की चपेट में 700 से 800 लोग आ रहे हैं। कसडोल के जनक दीवाकर का कहना है कि आरटीपीसीआर टेस्टिंग के बाद भी उसके चाचा की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी, मगर सीने में दर्द की शिकायत को लेकर जब सिटी स्कैन कराया तो फेफड़ों में 10 प्रतिशत संक्रमण था। रिपोर्ट भी कोरोनो पॉजिटिव आई थी।

 जिला कोविड नोडल अधिकारी डॉ. राकेश प्रेमी का कहना है कि कोई भी वायरस जब अपने आप को बदलता है तो उस बदलने की प्रक्रिया को म्यूटेशन कहते हैं। नये वायरस में नया-नया बदलाव आ रहा है, जो समझ से परे है। नया वायरस चोर की तरह आता है और नाक व गले से होकर फेफड़ों में छुप जाता है, जबकि सैंपल नाक और गले के लिए जाते हैं। ऐसे में कुछ मामलों में एंटीजन और आरटीपीसीआर सैंपलों में यह संक्रमण पकड़ में नहीं आ पाता। बाद में सीटी स्कैन कराने पर फेफड़ों में संक्रमण का पता चलता है। कुछ मामलों में न्यूनतम वायरस वाले जिन मरीजों का सैंपल निगेटिव आ रहा है सिटी स्कैन में वे पॉजिटिव आ रहे हैं।

पॉजिटिव के साथ ही घंटों खड़े टेस्ट कराने आए लोगों के संक्रमित होने की आशंका
जिस गति से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है उससे हालात लगातार विस्फोटक हो रहे हैं। वायरस घर-घर फैल चुका है। संभवत: इसी वजह से जिला अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। शहर के जिला अस्पताल व नगर भवन में जांच केंद्र बनाए गए हैं। सिर्फ दो जांच केंद्र होने की वजह से जांच केंद्रों में लंबी कतारें लग रही है। जांच सुबह 10.30 बजे से शुरू होती है मगर लोग सुबह 8 बजे से ही लाइन लगाना शुरू कर देते हैं। इसके चलते लोगों को जांच के लिए काफी इंतजार भी करना पड़ रहा। कोविड टेस्ट को लेकर लंबी लाइन लग रही है। 

लोगों का कहना है कि जांच सेंटर बढ़ाया जाए, क्योंकि तपती धूप में पॉजिटिव मरीजों के साथ ही घंटों खड़े टेस्ट कराने आए निगेटिव लोगों के भी संक्रमित होने की आशंका बढ़ रही है।
 

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