कोरिया

ऑक्सीजन की पूर्ति लगातार हो, संसदीय सचिव ने प्रशासन को चेताया
23-Apr-2021 5:50 PM
ऑक्सीजन की पूर्ति लगातार हो, संसदीय सचिव ने प्रशासन को चेताया

हरकत में आया प्रशासन, अधिकारी को भेजा सूरजपुर ऑक्सीजन प्लांट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुुंठपुर, 23 अप्रैल।
कोरिया जिले के कोरोना अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के निर्देश के बाद जिला प्रशासन जागा और अस्पताल में एक अधिकारी की तैनाती कर आज सुबह एक अधिकारी को ऑक्सीजन प्लांट सूरजपुर रवाना कर दिया। हलांकि आज की स्थिति में कोरोना अस्पताल में 90 सिलेंडर उपलब्ध है। बावजूद इसके प्रतिदिन ऑक्सीजन की पूति में थोड़ी रूकावट देखी जा रही है।

इस संबंध में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने बताया कि मैंने कल सुबह ही ऑक्सीजन की कमी ना होने पाए, इसे लेकर कलेक्टर से चर्चा की है, नए ऑक्सीजन सिलेेंडर और दूसरे ऑक्सीजन इक्यूपमेंट मंगवाने में लगी हुई हूं, कहीं मिल नहीं पा रहे है। लगातार कोशिश जारी है। कोविड अस्पताल में फायर फाइटर भी लगवाने की दिशा में टेक्निशियनों से बात कर रही हूं, मरीजों की सुरक्षा सबसे पहले है। वहीं अधिकारियों की तैनाती के सवाल पर उन्होनें कहा कि हमारे पास पहले की मेडिकल अधिकारियों और इसके जानकारों का स्टॉफ कम है, ऐसे में बचा खुचा स्टाफ अब अधिकारियों के ईदगिर्द जानकारी देने के ना लगा रहे। उन्हें अपने काम में भी समय देने के लिए छोडऩा होगा, ताकि चिकित्सय प्रबंधन कार्य में किसी तरह की बाधा ना आ सके।

जानकारी के अनुसार गुरूवार की सुबह संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने कलेक्टर से ऑक्सीजन को लेकर चेताया, उन्होंने मामले की जानकारी राज्य स्तर के अधिकारियों को भी दी, दोपहर तक जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों की तैनाती कर डाली, उसी दिन ही कोरोना अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की बात सामने आई। बताया गया कि एक मरीज पर 3 सिलेंडर प्रतिदिन खर्च होते हैं। उस हिसाब से ऑक्सीजन कम है, जिसके बाद एक अधिकारी को जिला प्रशासन ने शुक्रवार की सुबह सूरजपुर रवाना कर दिया। 

गुरूवार की देर रात से सुबह तक एक अधिकारी कोरोना अस्पताल में तैनात रहे। कोरिया जिले में प्रतिदिन ऑक्सीजन सूरजपुर स्थित ऑक्सीजन प्लांट से आता है। सूत्र बताते हैं कि सूरजपुर स्थित प्लांट के द्वारा कोरिया जिले के कोटे का ऑक्सीजन मप्र भेजा रहा है, ूसूरजपुर भेजे गए अधिकारी इन सब मामलों की जांच कर रहे हैं, ताकि कोरिया जिले में ऑक्सिजन की पूर्ति पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़े और लगातार ऑक्सीजन की पूर्ति बनी रहे। वहीं अधिकारियों की तैनाती के बाद स्वास्थ्य विभाग के बाकी अधिकारी लगातार अब उनको जानकारी देने और उनके साथ लग गए हैं।

लगेगा फायर फाईटर
संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव की मानें तो जिला मुख्यालय के कोरोना अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए वो अपनी विधायक निधि से फायर फाइटर लगवाने में जुटी हुई है, कई स्थान पर उन्होंने इसे लेकर चर्चा की है। वहीं नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदने की वो तैयारी कर रही है, कई जगह वो इसे खरीदने के लिए संपर्क कर रही है।
मेडिकल ऑक्सीजन क्या है?

मेडिकल ऑक्सीजन वह है जिसका उपयोग अस्पतालों में इलाज के लिए किया जाता है। इसे एक दवा या दवा उत्पाद के बराबर माना जाता है। कोरिया जिले के निवासी और रायपुर स्थित वरिष्ठ चिकिसक डॉ.राका शिवहरे के अनुसार इसका उपयोग क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), साइनोसिस, शॉक, रक्तस्राव, कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता, प्रमुख आघात या हृदय और श्वसन अरेस्ट गंभीर जैसी स्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला में ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करके ऑक्सीजन को बहाल करने के लिए किया जाता है। कोरोना ने मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता को बढ़ाया है। 

डॉ.शिवहरे बताते हैं कि मुख्य रूप से कोरोना प्रभावित व्यक्तियों में और गंभीर मामलों में फेफड़ों को संक्रमित करता है। एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) और निमोनिया के कारण मृत्यु का कारण बनता है। चूंकि, कोरोना फेफड़ों पर इसके प्रभाव के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी को प्रेरित करता है। रोगियों को तुरंत ऑक्सीजन थेरेपी में स्थानांतरित कर दिया जाता है या अपने महत्वपूर्ण कार्यों को सक्रिय रखने के लिए गंभीर मामलों में वेंटिलेटर पर रखा जाता है। ऑक्सीजन कोरोना रोगियों के लिए जीवन रक्षक का काम करता है।

एकत्रित करना है बेहद कठिन
सिलेंडर में ऑक्सीजन एकत्र करना उतना सरल नहीं है, जितना सुनाई देता है। इस उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, हमारे आस-पास की प्राकृतिक हवा में लगभग 21 प्रतिशत ऑक्सीजन, 78 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1 प्रतिशत आर्गन और अन्य गैसें जैसे कि नियॉन और जेनॉन हैं। शुद्ध ऑक्सीजन को इक_ा करने के लिए एक विशेष तकनीक को वायुमंडल से ऑक्सीजन को अलग करने के लिए तैनात किया जाता है, जिससे वायुमंडलीय वायु का सेपरेशन और डिस्टिलेशन होता है। 

एक बार ऑक्सीजन एकत्र होने के बाद इसका निरीक्षण किया जाता है और विभिन्न ग्रेड में पैक किया जाता है. फिर इन ग्रेडों को कई श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जैसे वेल्डिंग ऑक्सीजन, एविएशन ब्रीदिंग ऑक्सीजन, रिसर्च ग्रेड ऑक्सीजन और मेडिकल ऑक्सीजन।
 

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